वर्ष 2019 में जहाँ भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने तमाम ऐतिहासिक फ़ैसले सुनाए वहीं कुछ ऐसी न्यायिक निष्क्रियता भी दिखी जिसने न्यायपालिका की विश्वसनीयता पर सवाल उठाये।
बीएसएनएल और एमटीएनएल के विलय से भी इन कंपनियों के कर्मचारियों की स्थिति सुधरने को नहीं है। एक लाख लोगों की नौकरी ख़तरे में हे, पूरा दूरसंचार उद्योग की स्थिति ही बुरी है।
बीता हफ़्ता पूरी तरह से साइबर अपराध से जुड़ी ख़बरों के नाम रहा। वाट्सऐप स्पाइवेयर का मामला आया। इससे पहले डार्कनेट और कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्लांट का मामला भी आया था।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लज़ीज़ लाब्स्टर और बिरयानी खिलाने के बीच यह बात देशवासियों को क्यों नहीं बतायी गयी कि चीन कैसे भारत के गले में फंदा डालने में लगा है?
पर्यावरण सुरक्षा के लिए सिंगल यूज़्ड प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने और लाखों शौचालयों का निर्माण करने का दावा कर रही सरकार ने मुंबई के आरे जंगल को तबाही की ओर धकेल दिया?