तरक्की के कितने ही बड़े से बड़े दावे किए जा रहे हों, लेकिन एक सच यह भी है कि कुपोषण के मामले में भारत में हालत ख़राब है। कुपोषण का साफ़ अर्थ यह है कि शरीर की ज़रूरतों के हिसाब से भोजन नहीं मिलना। यानी इसका एक मतलब यह भी हुआ कि भूखे रहने की स्थिति है। इसीलिए कुपोषण की स्थिति को बताने के लिए जो रिपोर्ट जारी की जाती है उसे ग्लोबल हंगर इंडेक्स यानी वैश्विक भूख सूचकांक नाम दिया गया है।
हंगर इंडेक्स: सच क्या- तरक्की के दावे या 'बीमार' भारत का भविष्य?
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- 30 Oct, 2019

तरक्की के कितने ही बड़े से बड़े दावे किए जा रहे हों, लेकिन एक सच यह भी है कि कुपोषण के मामले में भारत में हालत ख़राब है।
हाल ही में जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 117 देशों में 102 पायदान पर रहा। भारत उन 45 देशों में शामिल है जिनमें भूख का स्तर बेहद गंभीर है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत में 6 से 23 महीने की उम्र के सभी बच्चों में से सिर्फ़ 9.6 प्रतिशत को ही ज़रूरी भोजन मिल पाता है।