मुंबई में गोरेगाँव स्थित आरे कॉलोनी के जंगल से जुड़े मामले में सोमवार को जब तक सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आया तब तक 2,000 से अधिक पेड़ों को काट दिया गया था। आदेश आने से पहले शुक्रवार रात से ही ज़बरदस्त तेज़ी से कटाई की गई। अब आरे कॉलोनी से जुड़ा 3166 एकड़ में फैला यह जंगल अपना अस्तित्व खोने के कगार पर है। ऐसा तब है जब पिछले साल ग्लोबल अर्थ चैंपियन के ख़िताब से सम्मानित होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी बीजेपी की ही तीनों स्तर पर सरकारें हैं। केंद्र में, राज्य में और स्थानीय निकाय में भी। इन्हीं के सरकारी आदेश की आड़ में 2,000 से अधिक पेड़ जमींदोज़ कर दिए गए। विश्वास नहीं होता कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए सिंगल यूज़्ड प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने और लाखों शौचालयों का निर्माण करने का दावा कर रही केंद्र व राज्य सरकार ने मुंबई को मेट्रो शहर बनाने की धुन में 86 प्रजातियों वाले आरे जंगल को तबाही की ओर धकेल दिया।