केंद्र ने कथित फर्जी समाचारों से निपटने के लिए प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) में एक फैक्ट चेक यूनिट बनाई। इसे कानूनी दर्जा देने के लिए मोदी सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च को इस पर रोक लगा दी। दरअसल, इसकी अधिसूचना की आड़ में प्रेस की आजादी लेकर तमाम चिंताएं जताई जा रही थीं। भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित है। हालाँकि, अदालत ने मामले की योग्यता पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रेस की आजादी को खतरे में डालने वाली केंद्रीय अधिसूचना पर रोक लगाई
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- 21 Mar, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र की फैक्ट चेक यूनिट (एफसीयू) की अधिसूचना पर रोक लगाते हुए कहा कि जब तक बॉम्बे हाई कोर्ट आईटी नियमों में 2023 के संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम निर्णय नहीं ले लेता, तब तक इस पर रोक रहेगी। जानिए पूरी खबरः
