क्या लिंचिंग का जवाब बंदूक की गोली हो सकती है? क्या हथियार रखने से अल्पसंख्यकों और दलितों के ख़िलाफ़ होने वाली हिंसा रुक जाएगी? लेकिन लगता है, सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद पराचा और लखनऊ में शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद तो कम से कम ऐसा ही मानते हैं। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर एससी-एसटी और अल्पसंख्यकों को हथियार ख़रीदने के लिए लाइसेंस देने की वकालत की है। इसके लिए बाकायदा लखनऊ में 26 जुलाई को एक कैंप भी लगाया जाएगा जिसमें लोगों को हथियार ख़रीदने के तरीक़े के बारे में बताया जाएगा। मौलाना कल्बे जव्वाद ने सफ़ाई दी है कि 26 तारीख़ को जो कैंप लगेगा उसमें लोगों के हथियार चलाने की कोई ट्रेनिंग नहीं दी जाएगी। हालाँकि, दोनों ने इस पर कुछ नहीं बताया कि जब लोगों के हाथों में बंदूकें होंगी तो गोलियाँ भी चलेंगी और लोगों की जानें भी जाएँगी। इसकी क्या गारंटी है कि मामूली कहासुनी पर भी लोग गोली नहीं चला दें!
बंदूक की गोली से लिंचिंग रुकेगी या और लाशें गिरेंगी?
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- 23 Jul, 2019

क्या लिंचिंग का जवाब बंदूक की गोली हो सकती है? बंदूक की गोली से शांति कैसे आएगी? ऐसे में देश में आत्म-सुरक्षा के नाम पर हथियारों की ट्रेनिंग देने, हथियार ख़रीदने और लाइसेंस रखने की वकालत क्यों की जा रही है?