राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष और बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए में उम्मीदवार के चयन को लेकर मंथन और बैठकों का दौर तेज हो गया है। बीजेपी ने 14 सदस्यों का एक पैनल बनाया है जो उम्मीदवार को चुनने की दिशा में काम कर रहा है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को इस पैनल का संयोजक बनाया गया है।
जबकि दूसरी ओर विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव को लेकर दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में बैठक कर चुका है और 21 जून को भी दिल्ली में एक अहम बैठक बुलाई गई है।
बता दें कि राष्ट्रपति के चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान होगा जबकि नतीजे 21 जुलाई को आएंगे। नामांकन की अंतिम तारीख 29 जून है। इस लिहाज से कुछ ही दिन का वक्त एनडीए और विपक्ष के पास बचा है।
बीजेपी की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विपक्ष और एनडीए का साझा उम्मीदवार उतारने को लेकर विपक्षी दलों से बातचीत भी कर चुके हैं लेकिन यह बातचीत परवान नहीं चढ़ सकी है।
फारूक अब्दुल्ला का भी इनकार
एनसीपी के मुखिया शरद पवार के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भी विपक्ष का उम्मीदवार बनने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। ऐसे में विपक्ष के सामने चुनौती है कि वह किस नेता को इस पद के लिए उम्मीदवार घोषित करे।
विपक्ष एकजुट नहीं
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी एकजुटता की कोशिशों को उस वक़्त जोरदार झटका लगा था जब 5 राजनीतिक दलों ने विपक्ष की बैठक से किनारा कर लिया था। इन दलों में टीआरएस के अलावा, आम आदमी पार्टी, बीजू जनता दल, शिरोमणि अकाली दल और वाईएसआर कांग्रेस शामिल हैं।
गोपाल कृष्ण गांधी का नाम
वाम दलों की ओर से महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी का नाम राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर सुझाया गया है। गोपाल कृष्ण गांधी साल 2017 के उप राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार थे लेकिन उन्हें एम. वेंकैया नायडू के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। गोपाल कृष्ण गांधी दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका में भारत के राजदूत रह चुके हैं।
लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा इस बात को लेकर है कि राष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए का उम्मीदवार कौन होगा। सोशल मीडिया पर कई नेताओं के नाम इस पद के लिए आगे आ रहे हैं।
एनडीए की ओर से संभावित उम्मीदवारों की सूची में जिन शख्सियतों के नाम सबसे ऊपर हैं, उनमें झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, तमिलनाडु की राज्यपाल तमिलसाई सुंदरराजन का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। इसके अलावा कर्नाटक के राज्यपाल और दलित नेता थावरचंद गहलोत और लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन का नाम राष्ट्रपति चुनाव के संभावित उम्मीदवारों में लिया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके और ओडिशा के राज्यपाल जुएल ओरांव का नाम भी चर्चा में है।
नकवी का नाम भी चर्चा में
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का नाम भी कुछ लोगों ने सुझाया है। नकवी को बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया और रामपुर उपचुनाव में भी उन्हें टिकट नहीं दिया गया। ऐसे में उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
यह बात तय है कि यदि विपक्ष एकजुट नहीं हुआ तो एनडीए के उम्मीदवार की जीत आसान हो जाएगी।
एनडीए को चाहिए 13000 वोट
राष्ट्रपति के चुनाव में 776 सांसद और 4033 विधायक मतदान करेंगे। इस तरह इस चुनाव में कुल 4809 मतदाता हैं। सांसदों के वोट की कुल वैल्यू 5,43,200 है जबकि विधायकों के वोट की वैल्यू 5,43,231 है और यह कुल मिलाकर 10,86,431 होती है। इसमें से जिस उम्मीदवार को 50 फ़ीसद से ज्यादा वोट मिलेंगे, उसे जीत हासिल होगी। बीजेपी और उसके सहयोगी दल 50 फीसद वोटों के आंकड़े से 13000 वोट पीछे हैं।
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