राष्ट्रपति चुनाव में कुछ विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को तेलंगाना की केसीआर सरकार ने समर्थन दिया है। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री केटी रामा राव ने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी है। हालांकि टीआरएस ने विपक्षी उम्मीदवार के चयन के तरीके पर सवाल उठाए हैं।
बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार के चयन के लिए जब ममता बनर्जी ने दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में बैठक बुलाई थी तो टीआरएस इससे गैरहाजिर रही थी। टीआरएस ने कहा था कि वह कांग्रेस के साथ कोई मंच साझा नहीं करेगी।
मुर्मू को मिल रहा समर्थन
यशवंत सिन्हा के सामने एनडीए ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को उतारा है। द्रौपदी मुर्मू के लिए विपक्षी दलों का समर्थन लगातार बढ़ता जा रहा है। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, एनडीए के सहयोगी दल जेडीयू के अलावा विपक्षी दल बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस भी उनके समर्थन में आगे आये हैं।
यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से संपर्क कर राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन मांगा है। यशवंत सिन्हा ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी फोन किया है और उन्हें याद दिलाया है कि राष्ट्रपति चुनाव में उनके नाम का एलान करते वक्त जेएमएम ने समर्थन का वादा किया था। यशवंत सिन्हा ने पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी से भी संपर्क किया है।
जबकि द्रौपदी मुर्मू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, एनसीपी के मुखिया शरद पवार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात कर राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन मांगा था। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी के समर्थन को लेकर विपक्षी नेताओं से संपर्क साधा है।
एनडीए के पास हैं 49 फीसदी वोट
राष्ट्रपति के चुनाव में 776 सांसद और 4033 विधायक मतदान करेंगे। इस तरह इस चुनाव में कुल 4809 मतदाता हैं। सांसदों के वोट की कुल वैल्यू 5,43,200 है जबकि विधायकों के वोट की वैल्यू 5,43,231 है और यह कुल मिलाकर 10,86,431 होती है। इसमें से जिस उम्मीदवार को 50 फ़ीसद से ज्यादा वोट मिलेंगे, वह जीत जाएगा। एनडीए के पास इसमें से 5,32,351 यानी 49 फीसदी वोट हैं।
बीजेडी के पास 31,686, वाईएसआर कांग्रेस के पास 45,550 और एआईएडीएमके के पास 14,940 वोट हैं। लेकिन बीजेडी या वाईएसआर कांग्रेस का समर्थन ही द्रौपदी मुर्मू की जीत के लिए काफी है और दोनों ही दलों ने उन्हें समर्थन भी दे दिया है। ऐसे में द्रौपदी मुर्मू की जीत तय है। इसके अलावा झारखंड मुक्ति मोर्चा भी द्रौपदी मुर्मू के नाम का समर्थन कर सकता है।
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