डिजिटल अरेस्ट साइबर अपराध की नई चुनौती है। सरकारी डेटा बता रहा है कि इस साल जनवरी से अप्रैल तक भारतीयों को "डिजिटल अरेस्ट" धोखाधड़ी में 120.30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रविवार को वीडियो भी आया था। इस धोखाधड़ी को अंजाम देने वालों में से कई तीन निकटवर्ती दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों: म्यांमार, लाओस और कंबोडिया में हैं। गृह मंत्रालय (एमएचए) भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के जरिये केंद्रीय स्तर पर साइबर अपराध की निगरानी करता है। उसने कहा कि डिजिटल अरेस्ट हाल ही में डिजिटल धोखाधड़ी का एक आम तरीका बन गया है।
डिजिटल अरेस्टः साइबर फ्रॉड का नया हथियार, 4 महीने में 120 करोड़ उड़ाये
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- 28 Oct, 2024
आपके पास आई हुई कोई भी फोन कॉल या ईमेल आपको डिजिटल अरेस्ट में फंसा सकता है। इस नये साइबर फ्रॉड से जनवरी से अप्रैल तक 120 रुपये उड़ा लिये गये। केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि डिजिटल अरेस्ट हाल ही में डिजिटल धोखाधड़ी का एक प्रचलित तरीका बन गया है। जानिये पूरी बातः
