किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि बीजेपी की पंजाब इकाई ने अकाल तख्त से संपर्क किया था और जत्थेदार से उन्हें अपना उपवास समाप्त करने का निर्देश देने का आग्रह किया था। डल्लेवाल ने कहा- “हालांकि, मुझे लगता है कि बीजेपी नेता गलत दिशा में जा रहे हैं। अकाल तख्त से संपर्क करने के बजाय, उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय (पीएमओ) से संपर्क करना चाहिए और मामले को सुलझाने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग करनी चाहिए।”
इसी वीडियो में डल्लेवाल ने कहा- “आपको उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के कार्यालय जाना चाहिए, जो पहले ही किसानों के मुद्दों पर अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं। आपको कृषि मंत्री (शिवराज सिंह चौहान) के कार्यालय और गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय का भी दौरा करना चाहिए।
डल्लेवाल ने कहा कि उनके उपवास के पीछे का मकसद किसानों की मांगों को स्वीकार करना है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की मांगें मान लेने के बाद वह इसे खत्म कर देंगे।
उन्होंने कहा, ''मैं फिर से बीजेपी की पंजाब इकाई से प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग करूंगा।'' इस बीच डल्लेवाल के बिगड़ते स्वास्थ्य और घटते रक्तचाप की खबरों के बीच, प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) कुमार राहुल के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक उच्च स्तरीय टीम ने अनशन कर रहे किसान नेता की जांच करने के लिए खनौरी का दौरा किया था। डिप्टी कमिश्नर प्रीति यादव और एसएसपी नानक सिंह भी टीम के साथ थे।
किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा, अभिमन्यु कोहाड़ और काका सिंह कोटड़ा से मुलाकात के बाद टीम उस ग्लास क्यूबिकल में गई जहां किसान नेता उपवास कर रहे हैं। टीम ने डल्लेवाल की जांच की, उनके रक्त के नमूने लिए और पेट का अल्ट्रासाउंड किया। मेडिकल रिपोर्ट शुक्रवार को जारी होने वाली थी, लेकिन इसे रोक दिया गया। पूछे जाने पर, सिविल सर्जन, पटियाला डॉ. जगपालिंदर सिंह ने कहा कि रिपोर्ट अभी संकलित की जा रही है।
हाल ही में अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा था कि भूख हड़ताल का सिख धर्म समर्थन नहीं करता। भूख हड़ताल से जान देना सिख धर्म की अवधारणा नहीं है। समझा जाता है कि जत्थेदार का बयान बीजेपी की कोशिश कों का नतीजा है। जबकि किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि अकाल तख्त सिखों का सर्वोच्च निकाय है, लेकिन इसने अभी तक दल्लेवाल को अपना अनशन समाप्त करने का निर्देश नहीं दिया है। उन्होंने कहा, अगर ऐसे निर्देश जारी किए गए तो फोरम इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक बैठक आयोजित करेगा।
डल्लेवाल के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी के लिए राजिंदर मेडिकल कॉलेज और माता कौशल्या अस्पताल, पटियाला की एक मेडिकल टीम पहले से ही खनौरी में तैनात है।
दो जीवन रक्षक एम्बुलेंस भी वहां चौबीसों घंटे उपलब्ध रहती हैं।
विरोध स्थल के पास सभी आपातकालीन उपकरणों और दवाओं से सुसज्जित एक अस्थायी अस्पताल स्थापित किया गया है।
किसान नेता 26 नवंबर से धरने पर बैठे हैं। प्रदर्शन के पहले दिन ही उन्हें पुलिस ने उठा लिया और लुधियाना के डीएमसी अस्पताल ले जाया गया। बाद में किसान यूनियनों के दबाव के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया और तब से वह खनौरी बॉर्डर पर अनशन कर रहे हैं।
जिस स्थल पर दल्लेवाल उपवास कर रहे हैं, उसके चारों ओर ट्रैक्टर-ट्रेलरों को एक-दूसरे से जोड़ दिया गया है और 700 से अधिक स्वयंसेवक विरोध स्थल के पास रात्रि जागरण कर रहे हैं।
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