सरकार जब पिछले दरवाजे से रद्द किये जा चुके तीनों कृषि कानूनों को फिर से लाने की कोशिश में जुट गई है, तो दूसरी तरफ किसान संगठन भी अब एक मंच पर आने की तैयारी में जुट गये हैं। हाल ही में राष्ट्रीय संयुक्त किसान मोर्चा और एसकेएम (अराजनीतिक) अपनी अलग-अलग किसान महापंचायते करते दिखे थे। लेकिन सरकार की रणनीति और किसान नेता डल्लेवाल की बिगड़ती हालत ने उन्हें एकजुटता के लिए मजबूर किया है। जानिये पूरा घटनाक्रमः