मुसलिम महिलाओं को निशाना बनाने वाली दो ऐप- सुल्ली डील, बुल्ली बाई हाल में सामने आई हैं। इन दोनों मामलों में इन ऐप को बनाने वाले गिरफ़्तार किए गए हैं। दोनों के निशाने एक थे तो क्या दोनों की विचारधारा भी एक है? क्या दोनों एक तरह के हैं? क्या आप सोच सकते हैं कि एक आरोपी कॉमिक कैरेक्टर में विश्वास करता है जो डेमन की हत्याएँ करता है तो दूसरा आरोपी बिल्कुल दकियानूसी विचारों वाला है जो बदलाव का विरोध करता है।