मुसलिम महिलाओं को निशाना बनाने वाली दो ऐप- सुल्ली डील, बुल्ली बाई हाल में सामने आई हैं। इन दोनों मामलों में इन ऐप को बनाने वाले गिरफ़्तार किए गए हैं। दोनों के निशाने एक थे तो क्या दोनों की विचारधारा भी एक है? क्या दोनों एक तरह के हैं? क्या आप सोच सकते हैं कि एक आरोपी कॉमिक कैरेक्टर में विश्वास करता है जो डेमन की हत्याएँ करता है तो दूसरा आरोपी बिल्कुल दकियानूसी विचारों वाला है जो बदलाव का विरोध करता है।
सुल्ली डील, बुल्ली बाई ऐप से निशाना एक, लेकिन दोनों आरोपी इतने अलग!
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- 13 Jan, 2022
बुल्ली बाई और सुल्ली डील ऐप को बनाने वाले दोनों आरोपियों की विचारधारा क्या है? क्या दोनों अलग-अलग विचारधारा वाले हैं? आख़िर दोनों एक-दूसरे से किस तरह अलग हैं?

इन दोनों आरोपी कितने अलग हैं, यह जानने से पहले यह जान लीजिए कि पूरा मामला क्या है। इस साल के पहले दिन गिटहब पर 'बुल्ली बाई' ऐप से ऑनलाइन मुसलिम महिलाओं की 'नीलामी' का मामला सामने आया। हंगामा हुआ तो मुंबई पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ़्तार किया। इसके बाद दिल्ली पुलिस सक्रिय हुई और उसने कहा कि 'बुल्ली बाई' ऐप के मुख्य आरोपी नीरज बिश्नोई को असम के जोरहट से गिरफ़्तार किया गया है। इसके बाद इसी तरह के क़रीब 7 महीने पहले आए एक अन्य मामले सुल्ली डील ऐप को लेकर भी गिरफ़्तारी हुई। इस ऐप को भी गिटहब पर बनाया गया था। इस मामले में गिरफ़्तार आरोपी की पहचान 25 वर्षीय ओंकारेश्वर ठाकुर के रूप में हुई।