सुल्ली डील्स, बुल्लाई बाई से मामला अब क्लब हाउस चैट तक पहुंच गया है, जहां मुस्लिम महिलाओं को टारगेट किया गया। इस पर दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा है।
बुल्ली बाई और सुल्ली डील ऐप को बनाने वाले दोनों आरोपियों की विचारधारा क्या है? क्या दोनों अलग-अलग विचारधारा वाले हैं? आख़िर दोनों एक-दूसरे से किस तरह अलग हैं?
क्या भारत में भी एक कट्टरपंथी तबका संगठित रूप में उभर रहा है? क्या ये महिलाओं, मुसलिमों और दलितों को निशाना बना रहे हैं? सुल्ली डील ऐप मामले में गिरफ़्तार आरोपी का 'ट्राड' समूह से संबंध आख़िर क्या इशारा करता है?
मुसलिम महिलाओं को निशाना बनाने वाली ऐप सुल्ली डील मामले में दिल्ली पुलिस ने छह महीने बाद अब कार्रवाई क्यों की? जानिए, क्या बुल्ली बाई से भी है इसका संबंध।
'बुल्ली बाई' ऐप मामले में भारी दबाव झेल रही दिल्ली पुलिस ने इसके मुख्य साज़िशकर्ता को पकड़ने का दावा किया है। जानिए, कौन है आरोपी और किस हालात में दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई हुई।
बुल्ली बाई ऐप से मुसलिम महिलाओं को निशाना बनाने के मामले के बाद मुंबई पुलिस और दिल्ली पुलिस में लोग तुलना कर रहे हैं। पूछ रहे हैं कि मुंबई पुलिस ने 2 दिन में कार्रवाई की तो दिल्ली पुलिस 6 माह में भी क्यों नहीं?
एक आपत्तिजनक ऐप पर 'नीलामी' के लिए सैकड़ों मुसलिम महिलाओं की तसवीरें डाले जाने की सोशल मीडिया पर शिकायतों के बाद एक बार फिर से विवाद खड़ा हो गया है। जानिए, कैसे उन्हें निशाना बनाया गया।
'सुल्ली फॉर सेल' नामक एक ओपन सोर्स वेबसाइट बनाई गई, जिस पर मुसलमान महिलाओं के ट्विटर हैंडल से जानकारियाँ और तसवीरें निकाल कर डाली गई और इन्हें सार्वजनिक तौर पर 'नीलाम' किया गया, जिसे 'सुल्ली डील' कहा गया है।