'बुल्ली बाई', 'सुल्ली डील' जैसी ऐप से मुसलिम महिलाओं को निशाना बनाने वाले कौन हैं? इसमें क्या सिर्फ वे पाँच लोग ही हैं जिन्हें गिरफ़्तार किया गया है? और क्या ये सिर्फ़ मुसलिम महिलाएँ हैं जिन्हें निशाना बनाया जाता है? सोशल मीडिया पर मुखर रहने वाली दूसरी महिलाएँ, महिला पत्रकार और महिला एक्टिविस्टों को क्या कम निशाना बनाया जाता है? दलितों को निशाना बनाने वाले लोग कौन हैं? क्या इन सभी को निशाना बनाने वाले एक ही विचारधारा के लोग हैं? इन सवालों के जवाब सुल्ली डील ऐप मामले में गिरफ़्तार आरोपी से मिल सकते हैं।