कोरोना वायरस को लेकर मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत किस हद तक फैलाई गई है, इसका अंदाज़ा हिमाचल प्रदेश में जम्मू-कश्मीर के मज़दूरों पर हमले से पता चलता है। दो वक़्त की रोटी के लिए मज़दूरी करने वाले मज़दूरों को एक हफ़्ते बाद भी यह तक नहीं पता है कि उन्हें क्यों पीटा गया? वे टूटे-फुटे टीन के शेड में रह रहे थे। कुछ लोग रात में गाड़ी से आए। दरवाज़ा तोड़ते हुए घर में घुसे। 'उग्रवादी' कहते हुए ताबड़तोड़ हमला कर दिया। कई मज़दूरों के हाथ तोड़ दिए, दूसरे मज़दूरों को भी गंभीर चोटें आईं। घायल मज़दूर यूँ ही घटना बयाँ करते हैं लेकिन हमले का कारण नहीं बता पाते हैं। हालाँकि सरपंच, वकील और स्थानीय लोग कहते हैं कि हमले का कारण तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम को लेकर 'नफ़रत फैलाने वाला कैंपेन' है। राज्य में आए कोरोना के कुल 36 पॉजिटिव केसों में से 23 के तब्लीग़ी जमात से जुड़े होने के बाद से ऐसी नफ़रत फैलाई जा रही है।
हिमाचल: मुसलिमों पर हमला; ग्रामीण बोले- नफ़रत ने दिमाग़ में ज़हर घोल दिया
- हिमाचल
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- 19 Apr, 2020
कोरोना वायरस को लेकर मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत किस हद तक फैलाई गई है, इसका अंदाज़ा हिमाचल प्रदेश में जम्मू-कश्मीर के मज़दूरों पर हमले से पता चलता है।

तब्लीग़ी जमात का मामला आने के बाद से देश भर में नफ़रत की ऐसी घटनाएँ सामने आ रही हैं। दिल्ली में भी एक युवक को पीटा गया था। उत्तर प्रदेश से तो कई ख़बरें आ गईं कि मुसलिमों को सब्जी भी नहीं बेचने दी जा रही है। दरअसल, कुछ रिपोर्टों में तो आरोप लगाया गया है कि मीडिया का एक वर्ग ऐसी रिपोर्टिंग कर रहा है कि अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ नफ़रत का माहौल बना है। इस मामले में जमीयत उलेमा ए हिंद ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि मीडिया का कुछ हिस्सा तब्लीग़ी जमात के दिल्ली में पिछले महीने हुए कार्यक्रम को लेकर सांप्रदायिक नफ़रत फैला रहा है। सोशल मीडिया पर तो नफ़रत वाले ऐसे पोस्ट अंधाधुँध डाले जा रहे हैं।