कोरोना वायरस को लेकर मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत किस हद तक फैलाई गई है, इसका अंदाज़ा हिमाचल प्रदेश में जम्मू-कश्मीर के मज़दूरों पर हमले से पता चलता है। दो वक़्त की रोटी के लिए मज़दूरी करने वाले मज़दूरों को एक हफ़्ते बाद भी यह तक नहीं पता है कि उन्हें क्यों पीटा गया? वे टूटे-फुटे टीन के शेड में रह रहे थे। कुछ लोग रात में गाड़ी से आए। दरवाज़ा तोड़ते हुए घर में घुसे। 'उग्रवादी' कहते हुए ताबड़तोड़ हमला कर दिया। कई मज़दूरों के हाथ तोड़ दिए, दूसरे मज़दूरों को भी गंभीर चोटें आईं। घायल मज़दूर यूँ ही घटना बयाँ करते हैं लेकिन हमले का कारण नहीं बता पाते हैं। हालाँकि सरपंच, वकील और स्थानीय लोग कहते हैं कि हमले का कारण तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम को लेकर 'नफ़रत फैलाने वाला कैंपेन' है। राज्य में आए कोरोना के कुल 36 पॉजिटिव केसों में से 23 के तब्लीग़ी जमात से जुड़े होने के बाद से ऐसी नफ़रत फैलाई जा रही है।