हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को भड़की हिंसा में शामिल एक शख्स को जिले में पुलिस के साथ एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस की गोली उसके पैर में लगने से वह घायल हो गया। एक हफ्ते से ज्यादा समय में पुलिस और नूंह हिंसा के आरोपियों के बीच यह तीसरा एनकाउंटर है।
पुलिस ने बताया कि घटना के वक्त आरोपी ओसामा उर्फ पहलवान नाम का शख्स नूंह के फिरोजपुर नमक गांव से आली मेव जा रहा था। इसी दौरान पुलिस ने उसे घेर लिया और पैर में गोली मार दी, ताकि वो भाग नहीं सके। आरोपी नूंह में आगजनी के आरोप में वांछित था।
नूंह पुलिस ने कहा कि उसे उजीना नहर के पास से गिरफ्तार किया गया है। उसे घायल हालत में नल्हर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने आरोपी के पास से देसी कट्टा और एक मोटरसाइकल बरामद की है।
इससे पहले मंगलवार को नूंह सांप्रदायिक झड़प के एक आरोपी को जिले के तावड़ू इलाके में मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली लगी और पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी वसीम के सिर पर 25,000 रुपये का इनाम था और उसके खिलाफ लूटपाट और हत्या से संबंधित कई मामले पहले से ही दर्ज थे। 15 और 16 अगस्त की दरमियानी रात को नूंह हिंसा में शामिल दो संदिग्ध दंगाइयों को तावड़ू इलाके में एक संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिसमें एक आरोपी के पैर में गोली लग गई थी।
पुलिस ने दूसरे एनकाउंटर के बारे में बताया था कि दोनों लोग बाइक से भागने की कोशिश कर रहे थे और उनमें से एक के पैर में गोली लगने से वे गिर गए। उन्होंने बताया कि उनके कब्जे से एक देशी पिस्तौल, एक कारतूस और एक मोटरसाइकिल बरामद की गई।
पुलिस ने पहले एनकाउंटर में बताया था कि दोनों बाइक से लूटपाट करने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान एक के पैर में गोली लगी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने तीनों एनकाउंटर के बाद जिन लोगों को गिरफ्तार किया, वे सभी समुदाय विशेष के लोग थे।पुलिस पर तमाम जनसंगठन आरोप लगा रहे हैं कि नूंह हिंसा के बाद एक ही समुदाय की 1200 संपत्तियों को गिराया गया, उसी समुदाय के लोगों की हिंसा के लिए गिरफ्तारियां की गईं और अब एनकाउंटर का सिलसिला चल रहा है।
मोनू मानेसर पर चुप्पी क्यों
नूंह हिंसा में मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी के नाम आए थे। इनमें से बिट्टू बजरंगी को तब गिरफ्तार किया गया, जब बजरंग दल ने बिट्टू बजरंगी से किनारा कर लिया और कहा कि उसका संबंध हमारे संगठन से नहीं है। लेकिन हरियाणा पुलिस मोनू मानेसर को अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। नूंह में 31 जुलाई को वीएचपी की जलाभिषेक यात्रा से तीन दिनों पहले मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी ने वीडियो जारी कर नूंह आने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि वो जलाभिषेक यात्रा में मौजूद रहेंगे। बिट्टू बजरंगी ने जो वीडियो जारी किया था, उसमें आपत्तिजनक शब्द भी थे। इससे नूंह में पहले से ही तनाव था। 31 जुलाई को जब यात्रा पहुंची तो वहां दो गुटों में टकराव हुआ। हथियार लहराए गए। गोलियां चली और हिंसा में 6 लोग मारे गए। मोनू मानेसर एक अन्य दोहरी हत्या में भी आरोपी है। राजस्थान पुलिस को उसकी तलाश है लेकिन हरियाणा पुलिस उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। नूंह हिंसा के बाद उसकी आंच गुड़गांव, पलवल और फरीदाबाद भी पहुंची। इन शहरों में कई धर्मस्थलों को निशाना बनाया गया। गुड़गांव में समुदाय विशेष के दो धर्म स्थलों को जला दिया गया। एक धर्मगुरु की गुड़गांव में हत्या कर दी गई। गुड़गांव की पुलिस कमिश्नर कला रामचंद्रन ने जब फर्जी और नफरती खबर फैलाने के आरोप में सुदर्शन चैनल के संपादक को गिरफ्तार कर लिया तो अभी दो दिनों पहले हरियाणा सरकार ने कला रामचंद्रन को गुड़गांव से हटा दिया।
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