भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता ऐतिहासिक है। चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर छाप छोड़ने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है। इसी जगह लैंडिंग की कोशिश में रूस के लूना-25 के क्रैश होने के कुछ ही दिन बाद हासिल हुई इस सफलता ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की क्षमता को नये सिरे से स्थापित किया है। इसने साबित किया है कि ज्ञान-विज्ञान की क्षमताओं से लैस मनुष्य की संभावनाओं के सामने आकाश का विस्तार भी छोटा पड़ सकता है।