भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता ऐतिहासिक है। चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर छाप छोड़ने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है। इसी जगह लैंडिंग की कोशिश में रूस के लूना-25 के क्रैश होने के कुछ ही दिन बाद हासिल हुई इस सफलता ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की क्षमता को नये सिरे से स्थापित किया है। इसने साबित किया है कि ज्ञान-विज्ञान की क्षमताओं से लैस मनुष्य की संभावनाओं के सामने आकाश का विस्तार भी छोटा पड़ सकता है।
चंद्रयान की कामयाबी से चमकता विज्ञान और ‘नतमस्तक’ समाज!
- विचार
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- 29 Mar, 2025
देश एक तरफ चांद पर जा पहुंचा है दूसरी तरफ अंधविश्वासों को बढ़ावा देकर सरकार नतमस्तक समाज बनाने में जुटी है। पत्रकार पंकज श्रीवास्तव का नजरिया जानिएः
