करनाल में 'सिर फोड़ने' का आदेश देने वाले अधिकारी का बचाव करने का आरोप झेल रही हरियाणा सरकार ने अब कहा है कि दोषी पाए जाने पर किसानों के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने यह बयान दिया है। उनका यह बयान तब आया है जब 'सिर फोड़ने' का आदेश देने वाले अधिकारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग को लेकर किसान तीन दिन से मिनी सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। विवाद सुलझाने के लिए सरकार और किसान नेताओं के बीच बातचीत चल रही है।
लेकिन इसी बीच अब हरियाणा के गृहमंत्री की तरफ़ से सख़्त कार्रवाई की टिप्पणी आई है। एक सवाल के जवाब में विज ने कहा कि अब हम किसी के कहने से तो किसी को फांसी पर नहीं चढ़ा सकते हैं। उन्होंने आगे कहा, '... देश का आईपीसी अलग और किसानों का आईपीसी अलग? ऐसा तो नहीं हो सकता। और सजा जो दी जाती है, हमेशा दोष के अनुरूप दी जाती है।'
विज ने आगे कहा, '...और दोष पता कराने के लिए जाँच करानी पड़ती है। हम निष्पक्ष जाँच कराने के लिए तैयार हैं। लेकिन हम खाली एसडीएम की नहीं करवाएँगे। हम पूरे करनाल एपिसोड की करवाएँगे। उसमें अगर किसान दोषी होंगे, उनके नेता दोषी होंगे तो उनके ख़िलाफ़ भी जो कार्रवाई बनती होगी वह हम करेंगे।'
राज्य के गृहमंत्री से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने करनाल में किसानों के 'सिर फोड़ने' का आदेश देने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा का बचाव किया था। खट्टर ने 30 अगस्त को कहा था, 'हालांकि अधिकारी के शब्दों का चयन सही नहीं था, लेकिन क़ानून व्यवस्था की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए सख्ती बरती जानी चाहिए।' उन्होंने कहा था, 'अगर कोई कार्रवाई (अधिकारी के ख़िलाफ़) करनी है, तो पहले ज़िला प्रशासन द्वारा इसका आकलन करना होगा। डीजीपी भी इसे देख रहे हैं। क़ानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए, सख्ती सुनिश्चित करनी होगी।'
जबकि उसके एक दिन पहले राज्य के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि 'इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है और संबंधित अधिकारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।
ये वही एसडीएम आयुष सिन्हा हैं जिन्हें एक वीडियो में यह कहते सुना गया था कि 'अगर मुझे वहाँ एक भी प्रदर्शनकारी दिखे, तो मुझे उसका सिर फूटा हुआ दिखना चाहिए, हाथ टूटा हुआ दिखना चाहिए।'
वीडियो में उन्होंने कहा था, 'बात बहुत ही साफ है, जो भी हो, जहां से भी हो, उसे वहां तक पहुँचने की इजाज़त नहीं है। हमें इस लाइन को किसी भी हाल में पार नहीं करने देना है।' उस दिन करनाल ज़िले में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था और उसमें क़रीब 10 लोग बुरी तरह घायल हुए थे।
पुलिस की उसी कार्रवाई के ख़िलाफ़ किसान संगठन करनाल में मिनी सचिवालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं। भारतीय किसान संघ यानी बीकेयू के नेता राकेश टिकैत ने कहा है, 'प्रशासन चंडीगढ़ के निर्देशों पर काम कर रहा है। हम लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं।' बीकेयू हरियाणा के प्रमुख गुरनाम सिंह चड़ूनी ने भी कहा कि वे घेराबंदी जारी रखेंगे।
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