बीजेपी शासित हरियाणा के शिक्षा बोर्ड की 9वीं और 10वीं कक्षा के इतिहास की किताबों में विवादास्पद दावे किए गये हैं। '1947 में विभाजन के लिए कांग्रेस ज़िम्मेदार थी'। 'कांग्रेस के नेता जल्दी से जल्दी आज़ादी चाहते थे क्योंकि वे किसी भी क़ीमत पर सत्ता चाहते थे'। 'आरएसएस ने सक्रिय भूमिका निभाई और इसके संस्थापकों ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद व आज़ादी की लड़ाई के लिए जागरूकता फैलाई'। 'सावरकर के योगदान को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है'। इसके साथ ही किताब में सिंधु घाटी सभ्यता को सरस्वती-सिंधु सभ्यता बताया गया है। ये वे दावे हैं जिनपर विवाद होने की संभावना है। हरियाणा कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताई भी है।
हरियाणा बोर्ड की किताब में दावा- 'विभाजन के लिए कांग्रेस ज़िम्मेदार थी'
- हरियाणा
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- 12 May, 2022
क्या बीजेपी की सरकारें स्कूलों में इतिहास की किताबें बदलेंगी? क्या पहले इतिहास में तथ्यों को सही नहीं रखा गया था या फिर अब भगवाकरण हो रहा है? जानिए, हरियाणा बोर्ड के इतिहास की किताब में क्या बदलाव किया गया।

हरियाणा बोर्ड के इतिहास की किताबों में बदलाव का काम 2017 से ही शुरू हो गया था। अब ये किताबें तैयार हो चुकी हैं। इतिहास की ये किताबें 20 मई से उपलब्ध हो जाएँगी। लेकिन इसके उपलब्ध होने से पहले किताबों में कुछ दावों पर विवाद होने की संभावना है। इसमें भी ख़ासकर कक्षा 9 और कक्षा 10 के इतिहास की किताबों को लेकर।