बीजेपी शासित हरियाणा के शिक्षा बोर्ड की 9वीं और 10वीं कक्षा के इतिहास की किताबों में विवादास्पद दावे किए गये हैं। '1947 में विभाजन के लिए कांग्रेस ज़िम्मेदार थी'। 'कांग्रेस के नेता जल्दी से जल्दी आज़ादी चाहते थे क्योंकि वे किसी भी क़ीमत पर सत्ता चाहते थे'। 'आरएसएस ने सक्रिय भूमिका निभाई और इसके संस्थापकों ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद व आज़ादी की लड़ाई के लिए जागरूकता फैलाई'। 'सावरकर के योगदान को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है'। इसके साथ ही किताब में सिंधु घाटी सभ्यता को सरस्वती-सिंधु सभ्यता बताया गया है। ये वे दावे हैं जिनपर विवाद होने की संभावना है। हरियाणा कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताई भी है।