बीजेपी ने गुरुवार को गोवा विधानसभा चुनाव के लिए 34 उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया। हैरानी की बात यह है कि उसने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर को टिकट नहीं दिया है। जबकि उत्पल पर्रिकर पणजी सीट से टिकट मांग रहे थे। इस सीट से बीजेपी ने अतानासियो मोनसेराटे को टिकट दिया है।
लेकिन आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उत्पल पर्रिकर को पार्टी में आने और चुनाव लड़ने का निमंत्रण दिया है। केजरीवाल ने कहा है कि वह मनोहर पर्रिकर का बेहद सम्मान करते हैं और गोवा के लोग इस बात से दुखी हैं कि बीजेपी ने यूज एंड थ्रो की नीति अपना रखी है, यहां तक कि पर्रिकर परिवार के मामले में भी उसने ऐसा ही किया है।
मनोहर पर्रिकर तीन बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे थे और देश के रक्षा मंत्री भी। पर्रिकर 25 साल तक पणजी सीट से निर्वाचित होते रहे थे।
2019 में उनके निधन के बाद इस सीट पर हुए चुनाव में अतानासियो मोनसेराटे को कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर जीत मिली थी लेकिन बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए थे।
उत्पल पर्रिकर पणजी से चुनाव लड़ना चाहते थे और वह लगातार लोगों से मुलाकात भी कर रहे थे। देखना होगा कि उत्पल आगे क्या फैसला लेते हैं।
इस बारे में गोवा में बीजेपी के चुनाव प्रभारी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उत्पल पर्रिकर को दो और विकल्प दिये गये थे और हमें लगता था कि वे इसे स्वीकार करेंगे। कहा जा रहा है कि पर्रिकर ने बीजेपी के द्वारा दिए गए विकल्पों को खारिज कर दिया।
बीजेपी ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को संक्वेलिम से चुनाव मैदान में उतारा है जबकि उप मुख्यमंत्री मनोहर अजगांवकर मडगांव सीट से चुनाव लड़ेंगे। स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे की पत्नी दिव्या राणे को पोरिएम से टिकट दिया गया है।
गोवा का विधानसभा चुनाव इस बार टीएमसी और आम आदमी पार्टी के मैदान में उतरने के कारण बेहद जोरदार हो गया है। कांग्रेस ने गोवा फॉरवर्ड पार्टी के साथ गठबंधन किया है जबकि टीएमसी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है।
40 सदस्यों वाली गोवा की विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 14 फरवरी को वोटिंग होगी और 10 मार्च को नतीजे आएंगे।
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