गोवा के विधानसभा चुनाव में जोर-शोर से उतर रही टीएमसी को बीजेपी के एक पुराने सहयोगी दल का साथ मिल गया है। सहयोगी का नाम है- महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी)। एमजीपी के अध्यक्ष सुदीन धवलीकर हैं, जिन्होंने 2017 में बीजेपी की सरकार बनाने में मदद की थी। लेकिन बीजेपी ने एमजीपी के ही दो विधायकों को तोड़ लिया था और इसके बाद सुदीन धवलीकर को सरकार से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
एमजीपी और टीएमसी के बीच इस गठबंधन का एलान टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा और एमजीपी के नेता दीपक धवलीकर ने किया।
एनडीटीवी के मुताबिक़, 40 सीटों वाली गोवा विधानसभा में एमजीपी 9 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन्हो फलेरो को टीएमसी ने राज्यसभा सांसद बना दिया है और फलेरो गोवा में टीएमसी का विस्तार करने में जुटे हैं। वह राज्य की राजनीति के बड़े चेहरों को टीएमसी के साथ लाने के काम में जुटे हैं।
गोवा फ़ॉरवर्ड पार्टी कांग्रेस के साथ
कुछ दिन पहले ही गोवा फ़ॉरवर्ड पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का एलान किया था। गोवा फ़ॉरवर्ड पार्टी इससे पहले बीजेपी के साथ थी लेकिन इस बार उसने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया है। कुछ दिन पहले जीएफ़पी को तगड़ा झटका तब लगा था जब इसके कार्यकारी अध्यक्ष किरन कांडोलकर टीएमसी में शामिल हो गए थे।
बीजेपी को एक और झटका तब लगा जब उसके बाग़ी कार्यकर्ताओं ने सलाइगो विधानसभा सीट पर पार्टी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने का एलान कर दिया। ये लोग यहां के पूर्व विधायक जयेश सलगांवकर के बीजेपी में शामिल होने से नाराज़ हैं।
जोड़-तोड़ कर बनाई थी सरकार
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 13 सीटों पर जीत मिली थी जबकि कांग्रेस 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। लेकिन बीजेपी ने जोड़-तोड़ कर सरकार बना ली थी। उसने कांग्रेस के विधायकों में सेंध लगाई थी और 15 में से 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे थे। बीजेपी ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को गोवा का प्रभारी बनाया है।
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