यूपी में बीजेपी के एक मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने अब फिर से मथुरा की मसजिद का राग छेड़ दिया है। बाबरी मसजिद विध्वंस की बरसी यानी छह दिसंबर को भी कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने मथुरा की ईदगाह मसजिद में मूर्ति स्थापित करने की धमकी दी थी तो शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। इससे पहले एक दिसंबर को ही उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तो साफ़ कहा था कि '...मथुरा की तैयारी है'।
मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने कहा कि मुसलिम समुदाय को आगे आना चाहिए और मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि पर 'सफेद भवन' हिंदुओं को सौंप देना चाहिए। वह जाहिर तौर पर सफेद भवन का ज़िक्र मुसलिम धर्म से जुड़ी संरचनाओं के लिए कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जहाँ अदालत ने अयोध्या मुद्दे का समाधान किया है, वहीं काशी और मथुरा में 'सफेद संरचनाएँ' हिंदुओं को आहत करती हैं।
संसदीय मामलों के राज्य मंत्री शुक्ला ने कहा, 'एक समय आएगा जब मथुरा में हर हिंदू को आहत करने वाले सफेद ढाँचे को अदालत की मदद से हटा दिया जाएगा। डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि भारत के मुसलमानों को यह मानना होगा कि राम और कृष्ण उनके पूर्वज थे और बाबर, अकबर और औरंगज़ेब हमलावर थे। अपने आप को उनके द्वारा बनाए गए किसी भी भवन से न जोड़ें।'
उत्तर प्रदेश में यह सब घटनाक्रम तब चल रहा है जब अगले कुछ ही महीनों में राज्य में चुनाव होने वाले हैं। चुनावी रैलियों में ध्रुवीकरण की पूरी कोशिश की जा रही है। चुनावी विश्लेषक मानते हैं कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि कई ओपिनियन पोल में नतीजे कुछ राजनीति दलों के अनुकूल नहीं लग रहे हैं।
इस पर सवाल सोमवार को तब भी उठ रहे थे जब बाबरी विध्वंस की बरसी पर दक्षिणपंथी समूहों ने मथुरा में मूर्ति स्थापना की धमकी दी थी।
मथुरा में चल रहे टकराव के बारे में पूछे जाने पर अयोध्या में राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने एक टीवी चैनल से कहा था कि इसमें उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा था, "यह बीजेपी पर निर्भर है... हमारी सीमाएं 'राम लला' तक हैं। हम मथुरा को नहीं देख रहे हैं। राम लला का भव्य मंदिर बन रहा है। अब इसके बाद चाहे वे काशी जाएं या मथुरा। यह बीजेपी का मामला है... वे अपनी राजनीति जारी रखेंगे।"
इसी बीच अब मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला का बयान आया है। उन्होंने कहा कि 6 दिसंबर को 'कारसेवकों' ने 'रामलला पर धब्बा' हटा दिया था और अब वहां भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। वह साफ़ तौर पर हिंदुत्ववादी भीड़ द्वारा अयोध्या में बाबरी मसजिद के विध्वंस का ज़िक्र कर रहे थे।
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी के 'सनातन धर्म' में धर्मांतरण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुसलमानों को 'घर वापसी' का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के सभी मुसलमान धर्मांतरित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर वे उनका इतिहास देखें तो पाएंगे कि 200-250 साल पहले उन्होंने हिंदू धर्म से इसलाम धर्म अपना लिया था।
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