गोवा में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इस पर कयास जारी है। पार्टी फिर से प्रमोद सावंत को मुख्यमंत्री का पद सौंपेगी या नहीं, इस पर संशय बना हुआ है। बहरहाल, प्रमोद सावंत ने आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। बीजेपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी (40 में से 20 सीटें जीतकर) के रूप में उभरी है। इसने एक प्रमुख क्षेत्रीय पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी हासिल किया है।
प्रमोद सावंत ने आज ट्वीट किया कि गोवा के लोगों के आशीर्वाद से, बीजेपी एक बार फिर राज्य में सरकार बनाने जा रही है जो अंत्योदय के सिद्धांतों पर काम करेगी। पीएम मोदी के गतिशील नेतृत्व में गोवा डबल इंजन सरकार के साथ समृद्ध होता रहेगा।
हालांकि मीडिया से बातचीत में सावंत ने कहा कि अभी तक बीजेपी आलाकमान ने केंद्रीय पर्यवेक्षक नहीं भेजा है। इसलिए निर्णय में देर लग रही है।
बीजेपी जहां गोवा में सरकार बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है, वहीं पार्टी ने सीएम पद को लेकर सस्पेंस बना रखा है।
ऐसी खबरें हैं कि पार्टी सावंत की जगह किसी और को बनाना चाह रही है, जो बहुत कम वोटों (666) से अपनी पारंपरिक सैंक्वेलिम सीट जीते हैं।
नतीजा आने के बाद सावंत ने कहा था - मैं कम अंतर से जीता हूं लेकिन हमें बहुमत मिला है। यह एक बड़ी बात है। यह मेरे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था क्योंकि मैं राज्य में प्रचार कर रहा था, लेकिन अपने निर्वाचन क्षेत्र तक नहीं पहुंच सका। मेरे कार्यकर्ताओं ने इसके लिए प्रचार किया।
स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे से जब पूछा गया कि क्या सावंत इस पद पर बने रहेंगे, तो उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता, यह एक संवेदनशील सवाल है। यह कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि इस जीत का श्रेय पीएम मोदी को है और उन्होंने गोवा राज्य के लिए जो कुछ किया है, उससे लोगों ने मुझ पर विश्वास किया है। यह लोगों और बीजेपी के नेतृत्व की जीत है। कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने केवल लोगों को बेवकूफ बनाया है। बता दें कि राणे के समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।
भाजपा ने राज्य की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) ने कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन किया। टीएमसी ने चुनाव के लिए महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के साथ गठबंधन किया था।
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