महाराष्ट्र में पिछले कई महीनों से सरकार और बीजेपी में तनातनी लगातार जारी है। एक ओर जहां केंद्रीय एजेंसियां महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों पर शिकंजा कस रही हैं वहीं अब मुंबई पुलिस ने भी विपक्ष के नेताओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को फोन टैपिंग की जानकारी लीक करने के मामले में पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। फडणवीस का कहना है कि मुंबई पुलिस द्वारा भेजे गए नोटिस के जवाब में वह कल 11 बजे मुंबई पुलिस के बीकेसी स्थित साइबर सेल के ऑफिस में हाजिर होंगे। आपको बता दें कि सत्य हिंदी ने सबसे पहले ऑफिशियल सीक्रेट रिपोर्ट के बारे में खबर प्रकाशित की थी जिसमें महाराष्ट्र में आईपीएस और आईएएस अधिकारियों के पोस्टिंग और तबादले में हुए भ्रष्टाचार का खुलासा किया था।
देवेंद्र फडणवीस ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुंबई पुलिस आरोपियों को छोड़कर अब उन लोगों को नोटिस भेज रही है जिन्होंने मुंबई में चल रहे अवैध कारोबार का पर्दाफाश किया था। फडणवीस ने कहा कि पिछले साल महाराष्ट्र में आईपीएस और आईएएस अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग के रैकेट का खुलासा उस समय हुआ था जब देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र की सीक्रेट कमिश्नर रश्मि शुक्ला की फोन टैपिंग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया था। अब उसी मामले में मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने देवेंद्र फडणवीस को रविवार को सुबह 11 बजे पुलिस स्टेशन में बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से कानून व्यवस्था को देखते हुए पुलिस ने अब फैसला किया है कि वह देवेंद्र फडणवीस का बयान अब उनके घर पर ही दर्ज करेगी।
सत्य हिंदी को मुंबई पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इससे पहले दो बार देवेंद्र फडणवीस को फोन टैपिंग मामले में उनका बयान दर्ज करने के लिए बंद लिफाफे में सवाल भेजे गए थे लेकिन फडणवीस दोनों ही बार पुलिस द्वारा भेजे गए सवालों के जवाब पुलिस को देने में नाकाम रहे। जिसके बाद अब मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने देवेंद्र फडणवीस को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है।
मुंबई पुलिस द्वारा नोटिस भेजने के बारे में देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है और वह पुलिस की जांच में जरूर सहयोग करेंगे। फडणवीस ने कहा कि वह गृहमंत्री रह चुके हैं और उन्हें पता है कि पुलिस कभी-कभी ऐसे मामले भी दर्ज करती है जिनका कोई आधार नहीं होता, लेकिन फिर भी वह मुंबई पुलिस की जांच में सहयोग करेंगे।
आपको बता दें कि देवेंद्र फडणवीस ने 3 दिन पहले ही महाराष्ट्र की विधानसभा में 125 घंटे का विशेष सरकारी वकील का एक स्टिंग ऑपरेशन सदन को सौंपा था जिसमें यह विशेष सरकारी वकील महाराष्ट्र के विपक्ष के नेताओं को फंसाने के लिए साजिश रच रहे थे। फडणवीस ने विधानसभा में इस बात का भी खुलासा किया था कि खुद उनको फंसाने के लिए शरद पवार और इसके अलावा महा विकास आघाडी सरकार के दूसरे मंत्री विशेष सरकारी वकील के संपर्क में थे।
जब से महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बनी है तभी से बीजेपी और तीनों पार्टियां आमने-सामने हैं। पिछले साल मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री पर 100 करोड़ रुपए मुंबई के डांस बार से वसूली करने का आरोप लगाया था जिसके बाद ईडी ने अनिल देशमुख को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। अनिल देशमुख अभी भी जेल में बंद हैं।
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