बीसवीं सदी के यूरोप का इतिहास बताता है कि फासीवादी शक्तियों को मज़बूत करने में मध्यमार्गी दलों की बड़ी भूमिका रही है। जर्मनी हो या इटली, हर जगह मध्यमार्गी दलों ने लगातार ऐसा रुख़ अख़्तियार किया जिससे फासीवादी ताक़तों का रास्ता हमवार हुआ।