दिल्ली में कोरोना वायरस का संक्रमण तेज़ी से बढ़ने और अस्पताल बेड कम पड़ने की आ रही ख़बरों के बीच दुनिया का सबसे बड़ा अस्थायी कोरोना इलाज केंद्र तैयार किया जा रहा है। यह क़रीब 22 फ़ुटबॉल मैदान जितना बड़ा होगा। इसमें क़रीब 10 हज़ार बेड होंगे। यह केंद्र दक्षिणी दिल्ली के राधा स्वामी आध्यात्मिक केंद्र में बनाया जा रहा है।
इतना बड़ा सेंटर बनाए जाने की ख़बर तब आ रही है जब दिल्ली के कई अस्पतालों में कोरोना वायरस मरीज़ों का बेड फुल होने की शिकायतें आने लगी हैं। इस बीच मरीज़ों की संख्या बेतहाशा बढ़ने की आशंका जताई गई है।
पिछले हफ़्ते ही दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था, ‘15 जून तक कोरोना संक्रमण के 44 हज़ार मामले हो जाएँगे और क़रीब 6,600 बेड की आवश्यकता होगी, 30 जून तक मामले 1 लाख तक पहुँच जाएँगे और 15 हज़ार बेड की आवश्यकता होगी, 15 जुलाई तक क़रीब सवा दो लाख तक मामले हो जाएँगे और 33 हज़ार बेड की ज़रूरत होगी और 31 जुलाई तक दिल्ली में क़रीब साढ़े पाँच लाख केस पहुँच जाएँगे और इसके लिए 80 हज़ार बेड की ज़रूरत होगी।’
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा था कि राजधानी में कोरोना के मरीजों का इलाज जानवरों से भी बदतर ढंग से हो रहा है। शीर्ष अदालत की तीन जजों की बेंच ने कोरोना मरीजों के इलाज में हो रही लापरवाहियों का स्वत: संज्ञान लिया था। बेंच में शामिल जस्टिस एम.आर. शाह ने कहा था, ‘एक मामले में तो शव कूड़ेदान में मिला। यह क्या हो रहा है।’
दिल्ली में कोरोना संक्रमण, जाँच व्यवस्था, अस्पतालों की हालत पर 'भयावह और दयनीय' स्थिति कहकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की खिंचाई की थी।
अदालत ने अरविंद केजरीवाल सरकार से कहा कि वह कोरोना वायरस की टेस्टिंग कम क्यों हो रही है, इस बारे में जवाब दे।
इन सब घटनाक्रमों के बाद दिल्ली में कोरोना वायरस टेस्ट को तीन गुना बढ़ाने का फ़ैसला लिया गया। इसके साथ ही अस्पतालों के बेड की कमी को पूरा करने के लिए ट्रेन के पाँच सौ डब्बे दिये जाने की बात भी कही गई। देश के गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद यह जानकारी दी थी।
अब इसी बीच दुनिया में सबसे बड़े कोरोना सेंटर बनाए जाने की ख़बर आई है। 'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार, छतरपुर केंद्र में 12,50,000 वर्ग फुट का एक कवर क्षेत्र है, 22 फुटबॉल मैदानों जितना बड़ा। पहले से ही पंखे और सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और जहाँ लगभग 3 लाख लोग उपदेश में भाग ले सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, राधा स्वामी सत्संग ब्यास, भाटी माइंस के सचिव विकास सेठी ने कहा, 'सुविधा का उपयोग हाल तक प्रवासी श्रमिकों को आश्रय देने के लिए किया जा रहा था। इसकी सामुदायिक रसोई अर्ध-औद्योगिक है और एक समय में हज़ारों लोगों को खिला सकती है।'
'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी दिल्ली के मजिस्ट्रेट बीएम मिश्रा ने कहा कि इसमें 500-500 बेड के 20 मिनी हॉस्पिटल की तरह काम करेंगे। कम से कम 400 डॉक्टर 2 शिफ़्ट में काम करेंगे।
कहा जा रहा है कि इस सेंटर की विशेषता है कि बेड को सैनिटाइज़ करने की ज़रूरत नहीं होगी। दरअसल, ये बेड कार्डबोर्ड के हैं जिसमें कोरोना वायरस 24 घंटे से ज़्यादा सक्रिय नहीं रहता है, जबकि लोहे, प्लास्टिक या लकड़ी पर पाँच दिन तक भी सक्रिय रह सकता है।
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