तीन सदस्यीय चुनाव आयोग में आयुक्तों के दो पद खाली हैं। इन्हें भरने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति की बैठक शुरु हो गई है।
अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक इस महत्वपूर्ण पद के लिए कैबिनेट सचिव और दो अन्य सदस्यों वाली सर्च कमेटी ने 5 अधिकारियों के नाम चयन समिति को भेजे हैं।
चुनाव आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य चुनाव आयुक्त होते हैं। इन दो चुनाव आयुक्तों में से एक अनूप चंद्र पांडेय फरवरी में सेवानिवृत हो चुके हैं जबकि दूसरे चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने बीते 8 मार्च को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
उनका इस्तीफा राष्ट्रपति ने 9 मार्च को स्वीकार भी कर लिया है। इस तरह से तीन सदस्यीय चुनाव आयोग में फिलहाल सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही बचे हुए हैं।
चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के अचानक से हुए इस्तीफे ने पूरे देश को पिछले दिनों चौंकाया था। द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त रहे अरुण गोयल के बीच गंभीर मतभेद हो गए थे। हालांकि उन्होंने गोयल ने इस्तीफे के लिए निजी कारणों का हवाला दिया था। उनके इस्तीफे के बाद विपक्ष ने सरकार से कई तीखे सवाल पूछे थे।
चुनाव आयुक्तों के पद ऐसे समय में रिक्त हो गए हैं जब लोकसभा चुनाव बेहद करीब हैं। माना जा रहा है कि अप्रैल से जून के बीच लोकसभा चुनाव हो सकते हैं। ऐसे में इन अहम पदों को तुरंत भरना जरूरी है।
वहीं ओर चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर विवाद भी शुरु हो गए हैं। फिलहाल इनकी नियुक्ति रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी गई है जिस पर 15 मार्च को सुनवाई भी होनी है।
गुरुवार को चयन समिति की होने वाली बैठक से पहले कांग्रेस नेता और चयन समिति के सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने सरकार को पत्र लिख कर समिति के समक्ष पेश किए जाने वाले नामों की प्रोफाइल से जुड़ी फाइल मांगी थी।
अपने पत्र में उन्होंने दोनों चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों प्रोफाइल से संबंधित जानकारी देने वाला डोजियर यानी फाइल मांगी थी।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय के विधायी विभाग और कानूनी मामलों के विभाग के सचिव राजीव मणि को लिखे एक पत्र में, चौधरी ने मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों और प्रमुखों के चयन के संबंध में सरकार द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का उल्लेख किया है।
उन्होंने सरकार से समान प्रक्रिया का पालन करने को कहा था।लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता के रूप में, चौधरी प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाले पैनल के सदस्य भी हैं जो सीआईसी और सीवीसी का चयन करते हैं। अधीर रंजन चौधरी ने अपने पत्र में लिखा था कि खोज समिति द्वारा चुने गए व्यक्तियों की बायो-प्रोफाइल चयन समिति की बैठक से पहले ही रखना आवश्यक होगा।
इससे मामले में तर्कसंगत निर्णय लेने में आसानी होगी। इसलिए, मैं अनुरोध करूंगा कि नियुक्ति के लिए विचार किए जाने वाले शॉर्टलिस्ट किए गए व्यक्तियों के बायो-प्रोफाइल वाले 'डोजियर' को बैठक से काफी पहले सदस्यों को उपलब्ध कराया जाए।
समिति में प्रधानमंत्री, प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री और विपक्ष के नेता या लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता शामिल हैं।सूत्रों के मुताबिक, दो नए चुनाव आयुक्तों की जल्द ही नियुक्ति होने की संभावना है। दोनों नए चुनाव आयुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के साथ लोकसभा चुनाव कराने के काम में शामिल होंगे।
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