दिल्ली के छावला में 2012 में हुए सामूहिक दुष्कर्म व हत्याकांड मामले का दिल्ली महिला आयोग यानी डीसीडब्ल्यू ने संज्ञान लिया है। इसने बुधवार को डीसीपी को पत्र लिखकर मृतक के परिवार की सुरक्षा के लिए उठाए गए उपायों के बारे में जानकारी मांगी है। मीडिया में पीड़िता की मां का बयान आया है कि 'मैं हार गई हूँ...'। लोग अब इस मामले की निर्भया मामले से तुलना करने लगे हैं। आख़िर ऐसा क्यों हो रहा है और यह मामला चर्चा में क्यों है?
छावला दुष्कर्म व हत्याकांड मामले में क्या न्याय मिला?
- दिल्ली
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- 9 Nov, 2022
छावला में हुए सामूहिक दुष्कर्म व हत्याकांड मामले की तुलना कुछ लोग निर्भया गैंग रेप से कर रहे हैं। क्या इस मामले में पीड़िता के परिजनों को न्याय मिला? जानिए लगातार क्यों उठ रहा है सवाल।

दरअसल, यह मामला सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले की वजह से सुर्खियों में आया है। 19 साल की लड़की का गैंगरेप और फिर उनकी हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाए गए तीन लोगों को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रिहा कर दिया। 2012 के इस बहुचर्चित मामले में तीन अभियुक्तों को निचली अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी। बाद में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत की सज़ा को बरक़रार रखा था।