पिछले सात-आठ वर्षों से वैसे तो केंद्र सरकार और सत्तारूढ़ दल की ओर से कैलेंडर देख कर हर मौक़े पर कोई न कोई इवेंट होता रहता है। यहाँ तक कि कोरोना महामारी के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर ताली-थाली, दीया-मोमबत्ती-आतिशबाजी, अस्पतालों पर विमानों से फूल-वर्षा और टीका महोत्सव जैसे आयोजन हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित तमाम योजनाओं को उपलब्धि की तरह पेश करते हुए आयोजन किए जाते हैं, भले ही उन योजनाओं के कोई सकारात्मक परिणाम न मिले हों। लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा लागू की गई नोटबंदी का कोई ज़िक्र न तो सरकार की ओर से किया जाता है और न ही भारतीय जनता पार्टी कभी उसका नाम लेती है।