किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण गुरुवार को दिल्ली -नोएडा बार्डर पर भीषण जाम लग गया। दिल्ली की तरफ बढ़ रहे किसानों को रोकने के लिए नोएडा एक्सप्रेस वे बंद कर दिया गया है। जगह -जगह किसानों को रोका जा रहा है। ट्रैफिक को दूसरे रूट्स पर डायवर्ट किया जा रहा है।
दिल्ली -नोएडा के बार्डर पर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता कर दिया गया है। पुलिस किसानों से बातचीत कर रही है, ताकि वो अपने प्रदर्शन को रोक दें। इस विरोध प्रदर्शन से पहले जिला प्रशासन ने धारा 144 लगा दी है।
गौतमबुद्ध नगर के एसीपी (लॉ एंड ऑर्डर) शिवहरि मीना ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में धारा 144 लागू कर दी गई है।
उन्होंने कहा है कि सभी बॉर्डरों को 24 घंटे के लिए सील कर दिया गया है। किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। किसानों से बातचीत की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान संसद का घेराव करना चाहते हैं। चिल्ला बार्डर से पहले दलित प्रेरणा स्थल के पास काफी देर तक सड़क पर गाड़ियां लगाकर किसानों को रोका गया।
भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखेर खलीफा ने कहा है कि किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि हमारे हजारों किसान भाईयों को हाउस अरेस्ट किया गया है।
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किसान क्यों कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन?
प्राप्त जानकारी के मुताबिक किसान संगठन दिसंबर 2023 से ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहीत अपनी भूमि के बदले बढ़ा हुआ मुआवजा और भूखंड देने की मांग कर रहे हैं।अपनी मांगों को लेकर ये किसान बीते करीब 2 माह से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन किसानों के साथ 3 किसान संगठन भी हैं। अब तक किसानों की मांगों पर कोई सहमति नहीं बन सकी है।
इसके बाद बुधवार को हुई इनकी महापंचायत में दिल्ली पहुंच कर संसद का घेराव करने का ऐलान किया गया था। बुधवार को हुई महापंचायत में इन्होंने राजधानी दिल्ली में संसद तक विरोध मार्च निकालने का ऐलान किया था।
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