प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के समाचार चैनल थांथी टीवी को एक इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने पहली बार इलेक्टोरल बांड के मुद्दे पर पूछे गए सवालों का जवाब दिया है। लोकसभा चुनाव शुरु होने से पहले हुए इस इंटरव्यू में उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपनी बातें रखी हैं। इस इंटरव्यू की जानकारी भाजपा ने सोशल मीडिया पर भी दी है।
इस इंटरव्यू में जब पीएम मोदी से पूछा गया कि क्या इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा सार्वजनिक होने से भाजपा को झटका लगा है? तो उन्होंने इसके जवाब में कहा कि 2014 के पहले जितने चुनाव हुए, उन चुनाव में खर्चा तो होता ही था। कौन एजेंसी है जो बता पाएगी कि कौन-सा पैसा कहां से आया. कहां गया और किसने कितना खर्च किया।
ये तो मोदी ने इलेक्टरोल बॉन्ड बनाया जिससे आज आप ढूंढ़ पा रहे हो कि किसने बॉन्ड लिया, कहां दिया। नहीं तो पहले तो पता ही नहीं चलता था। आज आपको इसका पता चल पा रहा है क्योंकि इलेक्टरोल बॉन्ड थे।
कोई व्यवस्था पूर्ण नहीं हो सकती, कमियां हो सकती हैं, कमियों को सुधारा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जो लोग डेटा पब्लिक होने को लेकर हल्ला मचा रहे हैं उन्हें बाद में अफसोस होगा।
इस इंटरव्यू में जब उनसे ईडी और सीबीआई के गलत इस्तेमाल को लेकर जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, ईडी क्या हमारी सरकार आने के बाद बनी है, न ही हमारी सरकार ने पीएमएलए काननू लाई है। सवाल यह है कि ईडी ने काम किया है, वह एक स्वतंत्र एजेंसी है। वह स्वतंत्र रूप से काम करती है। उसे स्वतंत्र रूप से काम करना होगा।
ईडी के पास करीब 7 हजार केस हैं। उसमें राजनेताओं से जुड़े केस में से 3 प्रतिशत से भी कम हैं। पीएम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका जब समय था तब 10 वर्ष में ईडी ने सिर्फ 35 लाख कैश पकड़ा, हमारी सरकार आने के बाद हमलोगों ने जो कैश पकड़ा गया वह 2200 करोड़ रुपये हैं। मतलब तब एजेंसी के ऑपरेशन भी सही से नहीं हो रहे थे।
अब देखिए कि नोटों के ढेर पकड़े जा रहे हैं। वाशिंग मशीन में रखे पैसे मिल रहे हैं। घरों में पानी के पाइप में नोटों की गड्डियां मिल रही हैं। बिस्तर पर नोटों की गड्डियां मिल रही हैं। कांग्रेस के एक एमपी के यहां से 300 करोड़ रुपये मिला है।
बंगाल में मंत्रियों के घरों से रुपयों के ढ़ेर मिले हैं। पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता ये सब चीजें सहन करने को तैयार नहीं है। देश की जनता कहती है यह बीमारी जानी चाहिए। ये देश की जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा है। हमने बंगाल में करीब 3 हजार करोड़ रुपये अटैच किया हुआ है। ये पैसे किसके हैं? किसी को कहा कि तुम्हें प्राइमरी टीचर बनाउंगा इतना पैसा दो, तुम्हें ड्राइवर बनाउंगा इतना पैसा दो।
क्या ये पैसे जिन गरीबों के हैं उन्हें वापस दिलवा सकता हूं, तो मैं इसकी जांच करवा रहा हूं। ईडी के द्वारा जब्त पैसे जब लोगों को वापस मिलते हैं तो लोग ईडी की जयकार करते हैं। उन्होंने कहा कि ईडी काम न करे इसके लिए अदालतों को बड़ा हथियार बनाने की कोशिश की गई है, क्योंकि उन्हें मालूम है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी की लड़ाई रुकने वाली नहीं है।
इसके निमंत्रण ने मुझे झकझोर दिया
अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि इसके निमंत्रण ने मुझे झकझोर दिया। इसके बाद मैं कुछ और अनुभव करने लगा, उसके बाद मैंने तय किया कि मैं 11 दिन का अनुष्ठान करूंगा। उसमें भी तय किया कि मैं ये अनुष्ठान खासकर के दक्षिण में प्रभुराम से जुड़े जितने स्थल हैं वहां समय बिताते हुए करूंगा। पार्टी और सरकार का भी काम करूंगा लेकिन बाकि समय आध्यात्मिक गतिविधियों में लगाउंगा।
उस 11 दिन के अनुष्ठान में मैं पूरी तरह से अंतरमुख हो चुका था। और जब मैं अयोध्या पहुंचा तो मेरे मन में मंथन चल रहा कि क्या में पीएम हूं इसलिए जा रहा हूं या भारत के एक नागरिक के रूप में जा रहा हूं। मैं एक समान भक्त के रुप में गया था।
जब मैं रामलला के पास पहुंचा तो मेरी पहली नजर रामलला के चरण पर गई और मेरी दूसरी नजर उनकी आंखों पर गई और मैं वहीं अटक गया। उस समय मैं पंडितों की बातों पर भी ध्यान नहीं दे पाया। मेरे मन में विचार प्रकट हुए कि रामलला मुझे कह रहे हैं कि अब भारत का स्वर्णिम युग प्रारंभ हो गया है। भारत के दिन आ चुके हैं। पीएम ने कहा कि मैं रामलला के दर्शन को शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं।
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