कोरोना वायरस को लेकर देश भर में पाबंदी और 'जनता कर्फ्यू' के बीच शाहीन बाग़ में प्रदर्शन स्थल पर पेट्रोल बम फेंके गए। इसमें कोई घायल नहीं हुआ है। बम फेंकने वालों के बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका है। नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन अभी भी जारी है और कोरोना वायरस को लेकर प्रदर्शन को बंद करने का दबाव भी है। इस बीच कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि प्रदर्शन ख़त्म करने को लेकर इसके दो पक्षों के बीच बीती रात हाथापाई भी हुई थी। पुलिस को आशंका है कि उनके दो गुटों के बीच आंतरिक कलह के कारण पेट्रोल बम के हमले की आशंका है।
कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि शाहीन बाग़ में प्रदर्शन करने वालों का कहना है कि कोरोना वायरस को लेकर आंतरिक कलह है, इसके बावजूद प्रदर्शन जारी है। बीती रात को भी इसको लेकर दो पक्षों में विवाद इतना बढ़ गया था कि पुलिस को बुलाना पड़ा था।
पुलिस का कहना है कि उनका संदेह शाहीन बाग़ प्रदर्शन करने वालों पर इसलिए है क्योंकि प्रदर्शन करने वालों के अलावा दूसरा कोई वहाँ तब तक नहीं जा सकता है जब तक वह पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड को पार नहीं करे। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, अतिरिक्त डीसीपी (दक्षिण पूर्व) कुमार ज्ञानेश ने कहा, '... प्राथमिक तौर पर प्रदर्शनकारियों में से किसी ने पेट्रोल बम फेंके हैं। कल से प्रदर्शन को लेकर इसके प्रदर्शन करने वालों के बीच भिड़ंत होती रही है। बीती रात ऐसी एक लड़ाई को लेकर पुलिस को बुलाया गया था और हमें हस्तक्षेप करना पड़ा था। कोरोना वायरस के डर से कुछ प्रदर्शनकारी प्रदर्शन को ख़त्म करना चाहते हैं जबकि कुछ ने इसका विरोध किया और एक दूसरे से लड़ गए।'
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