अयोध्या में ‘जनता कर्फ्यू’ का असर साफ़ दिख रहा है, तमाम मंदिर व दूसरे धार्मिक स्थल सुनसान पड़े हैं। जहाँ पहले इस समय भीड़ लगी रहती थी, नाम मात्र के श्रद्धालु भी नहीं हैं। पर इससे भी बड़ी बात यह है कि रामनवमी मेला और नवरात्र उत्सव पूरी तरह फीका रहेगा, यह अब बिल्कुल साफ़ हो चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘जनता कर्फ्यू’ की अपील का ज़बरदस्त असर है। शहर में सन्नाटा है। फ़ैज़ाबाद चौक जो आम दिनों में गुलजार हुआ करता था, वहाँ सन्नाटा पसरा हुआ है। अयोध्या ज़िले के सभी कस्बों-बाज़रों में ज़बरदस्त बंदी का माहौल है। लोगों ने ख़ुद को घरों में क़ैद कर रखा है।
प्रशासन ने रामनवमी मेले में बाहरी श्रृद्धालुओं के प्रवेश पर आज से ही प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध 2 अप्रैल तक लागू रहेगा। जनता कर्फ्यू में आज रोडवेज से लेकर प्राइवेट वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है।
ज़िला मजिस्ट्रेट ए. के. झा ने पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए कहा कि रामनवमी के दिन सरयू स्नान पर भी रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि जो श्रद्धालु अयेाध्या की सीमा तक किसी तरह पहुँच भी जाएंगे, उन्हें वापस कर दिया जाएगा।
सरयू स्नान पर रोक
झा ने कहा कि श्रद्धालुओं व मेले से जुड़े संस्थानों के लिए एडवाइज़री जारी कर दी गई है, जिसका पालन करना अनिवार्य रहेगा। इस एडवाइज़री में साफ़ कहा गया है कि होटल, धर्मशाला, लॉज वगैरह की बुकिंग 2 अप्रैल तक निरस्त कर दी गई है।
डीएम ने बताया कि सरयू नदी से कोरोना का वायरस तेज़ी से फैल सकता है। लिहाज़ा, 2 अप्रैल को सामूहिक सरयू स्नान को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।
प्रशासन ने मेले में आने वाले श्रद्धालुओं पर प्रतिबंध का आदेश रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महासचिव चंपत राय और प्रमुख संतों को विश्वास में लेकर व उनसे अयोध्या के रामनवमी मेले में श्रद्धालुओं के न आने की अपील के बाद ही जारी किया है।
शुद्धिकरण कार्यक्रम स्थगित
अयोध्या में लगाए गए नए फ़ाइबर मंदिर के राम लला के आसन के शुद्धिकरण का कार्यक्रम 22 मार्च से शुरू होने वाला था, वह जनता कर्फ़्यू के कारण रद्द कर दिया गया है। इसकी जानकारी श्रीराम जन्म भूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी।
उन्होंने कहा जब सारे देश में जनता कर्फ़्यू लगा रहेगा तो भला अनुष्ठान कार्यक्रम कैसे होगा! उन्होंने यह भी कहा कि देश के हालात को देख कर इसके बारे मे अगला कार्यक्रम बाद में तय होगा।
चंपत राय ने रामनवमी में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे कोरोना जैसी महामारी से लोगों को बचाने में सरकार का सहयोग करें और मेले में भीड़ न लगा कर अपने-अपने घरों में प्रभु राम की पूजा-अर्चना करें।
आतंकवादी हमले की आशंका
अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस सुपरिटेंडेंट आशीष कुमार तिवारी ने कहा है कि अयोध्या मंदिर मामले के कारण पहले से काफी संवेदनशील रहा है।
इस बीच ख़फ़िया एजेन्सियों ने आतंकवादी हमलों की आशंका जताई है। इस वजह से पूरे ज़िले में धारा 144 लगा दी गई है।
पड़ोसी ज़िलों में निगरानी
प्रशासन ने रामनवमी के मौके पर अयोध्या तक भीड़ के पहुँचने से रोकने के लिए लोगों को आसपास के दूसरे ज़िलों में ही रोकने का फ़ैसला किया है।
प्रशासन का कहना है कि लोगों को बस्ती, गोंडा, बलरामपुर, आज़मगढ़, मऊ, बाराबंकी, बहराइच, आम्बेडकर नगर, श्रावस्ती, महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुुर प्रतापगढ आदि जिलों में रामनवमी के पहले ही रोक दिया जाएगा।
हर साल रामनवमी मेला भव्य तरीके से मनाया जाता था, जिसमें क़रीब 15 लाख श्रद्धालु जुटते थे। रामनवमी के दिन लाखों की भीड़ कनक भवन सहित अन्य मंदिर में उमड़ती थी। मेले में प्रभु राम के जन्म पर सोहर गीत पर साधु-संत नृत्य करते थे। सरयू स्नान करने वालों से घाट पट जाते थे। इस साल कोरेाना के ख़तरे के कारण केवल मंदिरों के साधु- संत व स्थानीय सीमित लोग ही जन्मोत्सव की रस्म पूरी कर सकेंगे।
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