दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कथित तौर पर नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी यादव को जमानत दे दी। जमानत आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि यह कानूनी मामला था, हम अदालत के सामने पेश हुए और हमें अदालत ने जमानत दे दी है।
जमानत आदेश के बाद राजद समर्थकों ने अदालत के बाहर मिठाइयां बांटीं और अपनी पार्टी प्रमुख के समर्थन में नारे लगाए। लालू यादव, राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी व उनकी बेटी मीसा भारती अपने खिलाफ जारी समन के अनुपालन में बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए।
यह मामला 2004 से 2009 तक केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में लालू यादव के कार्यकाल के दौरान अपने परिवार को भूमि हस्तांतरण के बदले में भारतीय रेलवे में कथित नियुक्तियों से जुड़ा है।
इस मामले में सीबीआई ने 23 सितंबर 2021 को प्राथमिक जाँच यानी पीई दर्ज की थी। आरोप लगाया गया कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते इसके तहत रेलवे के ग्रुप डी के पदों पर लोगों को आवेदन के तीन दिन के अंदर नौकरी दी गई और बाद में उन्हें नियमित कर दिया गया था। इसके बदले नौकरी पाने वालों के परिवार ने राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम अपनी ज़मीन ट्रांसफर की। सीबीआई का कहना है कि लालू प्रसाद के परिवार ने पटना में नकद भुगतान कर 1.05 लाख वर्गफुट जमीन खरीदी। सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि गिफ्ट डीडी के अलावा जमीन के जो सात टुकड़े यादव परिवार को दिए हैं वे मौजूदा सर्किल रेट से कम रेट पर खरीदी गई थीं।
सीबीआई की तरफ से लैंड फॉर जॉब मामले में बीते सात अक्टूबर को एक चार्जशीट दाखिल की गई थी। उसमें लालू यादव, राबड़ी देवी उनकी बेटी मीसा भारती समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया गया था। नयी चार्जशीट में तेजस्वी का नाम आया।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि चयनित उम्मीदवारों ने सीधे या करीबी रिश्तेदारों या परिवार के सदस्यों के माध्यम से लालू यादव के परिवार के सदस्यों को जमीन बेची। जमीन प्रचलित बाजार दर के एक-चौथाई से पांचवें हिस्से की रियायती दर पर बेची गई थी।
सीबीआई ने राजद प्रमुख पर अपनी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, मध्य रेलवे के अधिकारियों और कई अन्य लोगों के साथ आपराधिक साजिश में शामिल होने का भी आरोप लगाया।
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