दिल्ली दंगे की पुलिस जाँच पर सवाल उठाते रहे एक जज का तबादला कर दिया गया है। वह जाँच में अनियमितताओं को लेकर पुलिस की आलोचना करते रहे थे और पुलिस जाँच को संवेदनहीन और हास्यास्पद तक क़रार दे चुके थे। उन्होंने तो यहाँ तक टिप्पणी कर दी थी कि पुलिस की ऐसी जाँच देशवासियों के पैसे की बर्बादी है और 'सही जाँच करने में जांच एजेंसी की विफलता निश्चित रूप से लोकतंत्र के प्रहरियों को पीड़ा देगी'। उन्होंने दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना से उन पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने को भी कहा था।