Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। अदालत : इतिहास में दिल्ली दंगे की जांच में विफलता पीड़ा देगी । भारतीय दूतावास पर हमले का संदिग्ध हक्क़ानी अफ़ग़ान सरकार में
अदालत ने दिल्ली दंगे के आरोपी आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के भाई और दो अन्य को आरोपमुक्त कर दिया और टिप्पणी की कि पुलिस की ऐसी जाँच देशवासियों के पैसे की बर्बादी है।
पुलिस ये क्या कर रही है? पुलिस को कौन देगा सजा? कब होगा पुलिस सुधार? दिल्ली दंगे के मामले में कोर्ट ने पुलिस पर ठोका जुर्माना। वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का विश्लेषण-
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। अदालत : पुलिस ने दिल्ली दंगे के अभियुक्त के बचाव में साक्ष्य गढ़ा। तालिबान ने अपने नियम लागू करने शुरू किए- धूम्रपान बैन, महिलाओं पर पाबंदी। दिनभर की ख़बरें-
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे के एक साल बाद जाँच कहाँ पहुँची और क्या दंगा पीड़ितों को न्याय मिला? दंगे में 53 लोगों की जानें गई थीं और गई बेघर हुए थे। भारी नुक़सान पहुँचा था।
दिल्ली दंगों की जाँच पर जूलियो रिबेरो का करारा जवाब! मुंबई के सुपरकॉप ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को दोबारा चिट्ठी लिखी। गोडसे के दौर में गांधी के साथ खड़े पूर्व पुलिस अफ़सर!
दिल्ली दंगों में पुलिस ने पाँच एफ़आईआर ऐसी दायर की हैं जो एक-दूसरे की नकल लगती हैं। दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर यह मुद्दा उठाने का फ़ैसला किया है।
इस साल फ़रवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर और जाफ़राबाद समेत कुछ इलाक़ों में सांप्रदायिक दंगे भड़के थे, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे।
जूलियो रिबेरो के बाद अब 9 और पूर्व आईपीएस अफ़सरों ने दिल्ली दंगों की जाँच पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव को खुला ख़त लिखा है और कहा है कि दिल्ली दंगा जाँच में खामियाँ हैं।
जूलियो रिबेरो बेदाग़ प्रोफेशनल छवि के लिए मशहूर पुलिस अफ़सर रहे हैं। दिल्ली पुलिस कमिश्नर को रिबेरो की लिखी एक चिट्ठी सामने आई है, जिसमें उन्होंने दिल्ली दंगों की जाँच पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि ‘सच्चे देशभक्तों' को घसीटा जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दिल्ली दंगों में पुलिस पर पक्षपात बरतने के आरोप तो लगाए ही हैं, केंद्र सरकार को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है। ज़ाहिर है एमनेस्टी की रिपोर्ट का भारत के हितों और मोदी सरकार की छवि पर व्यापक असर पड़ने वाला है। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट