दिल्ली दंगा जाँच में दिल्ली पुलिस के रवैये पर बार-बार सवाल क्यों उठ रहे हैं? इस सवाल जवाब शायद इस तथ्य में भी मिल जाए कि यदि पाँच अलग-अलग मामलों में एफ़आईआर एक समान हो तो क्या सवाल नहीं उठेंगे। एफ़आईआर में आरोपी के नाम, पकड़ने वाले पुलिसकर्मी के नाम, जगह और समय को छोड़कर बाक़ी तथ्य बिल्कुल एक समान कैसे हो सकते हैं? मसलन, पुलिस को देखते ही संदिग्ध तेज़ी से चलने लगा, उसे रोका गया, तलाशी लेने पर उसकी पैंट की दाहिनी जेब में एक लोडेड देसी कट्टा मिला।
दिल्ली दंगे में 5 एफ़आईआर बिलकुल एक जैसी क्यों, दिल्ली का गृह विभाग उठाएग मुद्दा
- दिल्ली
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- 17 Sep, 2020
दिल्ली दंगों में पुलिस ने पाँच एफ़आईआर ऐसी दायर की हैं जो एक-दूसरे की नकल लगती हैं। दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर यह मुद्दा उठाने का फ़ैसला किया है।

दिल्ली दंगे में ऐसा ही एक मामला आया है। दिल्ली का गृह विभाग पाँच अलग-अलग मामलों में दर्ज की गई एक समान एफ़आईआर के मुद्दे को उठाने वाला है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार विभाग ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक पत्र लिख कर इस मुद्दे को उठाने का फ़ैसला लिया है। यह फ़ैसला दिल्ली विधानसभा की अल्पसंख्यक कल्याण समिति द्वारा बुधवार को लिया गया। यह समिति दंगों से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रही है।