दिल्ली दंगा जाँच में दिल्ली पुलिस के रवैये पर बार-बार सवाल क्यों उठ रहे हैं? इस सवाल जवाब शायद इस तथ्य में भी मिल जाए कि यदि पाँच अलग-अलग मामलों में एफ़आईआर एक समान हो तो क्या सवाल नहीं उठेंगे। एफ़आईआर में आरोपी के नाम, पकड़ने वाले पुलिसकर्मी के नाम, जगह और समय को छोड़कर बाक़ी तथ्य बिल्कुल एक समान कैसे हो सकते हैं? मसलन, पुलिस को देखते ही संदिग्ध तेज़ी से चलने लगा, उसे रोका गया, तलाशी लेने पर उसकी पैंट की दाहिनी जेब में एक लोडेड देसी कट्टा मिला।