नोएडा में रविवार को सुपरटेक के ट्विन टावरों को गिराने के बाद पैदा हुई धूल से दिल्ली की वायु गुणवत्ता (एयर क्वॉलिटी) पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। विशेषज्ञों ने बताया कि उस समय उत्तर से उत्तर-पश्चिमी हवाएं दिल्ली की सीमा के पार अपना रास्ता बनाने के बजाय ग्रेटर नोएडा और आगे उत्तर प्रदेश की ओर चल रही थीं।