नोएडा में सुपरटेक के दोनों टावरों को रविवार को गिराए जाने के बाद दिल्ली और आसपास की एयर क्वालिटी खराब होने की आशंका थी लेकिन विशेषज्ञों ने कहा है कि दिल्ली की एयर क्वॉलिटी खराब नहीं हुई। जिस समय टावरों को गिराया गया, उस समय हवा का रुख ग्रेटर नोएडा और यूपी की तरफ था।
क्या आपको पता है कि करोड़ों रुपये के ख़र्च से बने इन गगनचुंबी इमारतों को क्यों ध्वस्त किया गया? इन इमारतों का इस्तेमाल किसी भी रूप में किया जा सकता था क्या?
नोएडा में सुपरटेक के 32 मंजिलों तक बने दो गगनचुंबी टावरों को ढहाने का आदेश तो हो गया, लेकिन क्या आपको पता है कि इसे ढहाया कैसे जाएगा? जानिए क्या है तैयारी।
सुपरटेक के कई प्रोजेक्ट दिल्ली और एनसीआर में चल रहे हैं और एनसीएलटी के इस फैसले के बाद सुपरटेक से घर खरीद चुके लोगों के सामने निश्चित रूप से बड़ा संकट आ गया है।
सुपरटेक के दोनों टावरों का निर्माण 2012 में शुरू हुआ था और 2022 में इसके पूरा होने की संभावना थी। लेकिन 2022 में यह ध्वस्त कर दिया जाएगा। जानिए, भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में 80 मंजिलों के इन टावरों को कैसे ध्वस्त किया जाएगा।
सुपरटेक के ये दो टावरों में 40-40 मंजिलें प्रस्तावित थीं। इनमें 32-32 मंजिलें बन चुकी थीं। नियमों का उल्लंघन कर बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ढहाने का आदेश तो दे दिया, लेकिन इसे ध्वस्त कैसे किया जाएगा?
अप्रैल, 2014 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी इन दोनों टावर्स को गिराने का और फ़्लैट बायर्स को उनका पैसा लौटाने का आदेश दिया था। इस तरह से शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट के फ़ैसले को ही बरकरार रखा है।