दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की एक टीम शनिवार सुबह मुख्यमंत्री केजरीवाल के घर फिर पहुंच गई। पुलिस केजरीवाल से मिलकर उन्हें खुद नोटिस देना चाहती है। केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि वो आम आदमी पार्टी के विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है। इस खबर के लिखे जाने तक दिल्ली पुलिस के अधिकारी केजरीवाल के आवास पर मौजूद हैं और दिल्ली सरकार के अधिकारी उनसे बातचीत कर रहे हैं।
केजरीवाल से पुलिस वो सबूत चाहती है, जिसके आधार पर उन्होंने आरोप लगाए थे। दिल्ली सीएमओ सूत्रों का दावा है, "सीएम कार्यालय नोटिस स्वीकार करने के लिए तैयार है। क्राइम ब्रांच के अधिकारी सीएम कार्यालय को 'रिसीविंग' नहीं दे रहे हैं।" दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारी अभी भी सीएम आवास के बाहर हैं। केजरीवाल और उनके सरकार की मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने आप के 7 विधायकों को तोड़ने की कोशिश थी। दिल्ली पुसिस के सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं ने शुक्रवार रात को नोटिस स्वीकार नहीं किया था।
आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने शनिवार को एक बयान में कहा- कल (शुक्रवार) से दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के आवास पर नोटिस देने से पहले एक मीडिया नौटंकी शुरू करवाई।
पुलिस मीडिया लेकर आयी और एक झूठी कहानी चलवाई, और बिना नोटिस दिये चली गई।
हम क़ानून का समान करेंगे और क़ानूनी नोटिस भी प्राप्त करने को तैयार हैं। लेकिन भाजपा की पुलिस का मक़सद सिर्फ़ झूठी कहानियाँ प्लांट करवा कर केजरीवाल जी को बदनाम करना है।
भाजपा की नौटंकी जारी है।
दिल्ली भाजपा ने इस मामले में दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को इस मामले में शिकायत की थी कि केजरीवाल और आतिशी के आरोप झूठे हैं। ये लोग भाजपा को बदनाम करने के लिए ऐसे आरोप लगा रहे हैं। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा- "हमने अरविंद केजरीवाल के उस फर्जी आरोप की निंदा की थी और शिकायत दर्ज की थी। मुझे खुशी है अगर पुलिस ने उन्हें नोटिस दिया है। अब केजरीवाल को अपने आरोप पर बोलना होगा कि वे कौन विधायक हैं जिनसे संपर्क किया गया और जिन्होंने उनसे बात की...।''
दिल्ली पुलिस सूत्रों ने कहा कि केजरीवाल को शुक्रवार रात को नोटिस दिया गया था "लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया।" आप ने इस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की टीम नोटिस दिए बिना चली गई। हालांकि आप ने मीडिया से कहा कि "मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी नोटिस स्वीकार करने के लिए तैयार थे लेकिन दिल्ली पुलिस बिना कुछ सौंपे वहां से चली गई।"
केजरीवाल को दिए जाने वाले नोटिस का जिक्र करते हुए पुलिस सूत्रों ने कहा कि उन्हें जांच में शामिल होना है। क्राइम ब्रांच की एक और टीम आतिशी के घर भी गई थी। न तो केजरीवाल और न ही आतिशी को नोटिस मिला। एक पुलिस सूत्र ने कहा, अपराध शाखा की टीमें नोटिस देने के लिए शनिवार फिर जा सकती हैं।
केजरीवाल ने अपने आरोप एक्स (ट्विटर) पर लगाए थे। बाद में आतिशी ने इन्हीं आरोपों के आधार पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। आतिशी ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने दिल्ली में "ऑपरेशन लोटस 2.0" शुरू किया है। उन्होंने पिछले साल आप विधायकों को पैसे की पेशकश करके अपने पाले में करने की इसी तरह की कोशिश की थी, लेकिन असफल रहे। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने पहले भी इसी तरह की साजिश रची थी। 2022 में उन्होंने AAP विधायकों को तोड़ने और उन्हें पैसे का वादा करके भाजपा में शामिल करने की कोशिश की थी।
दिल्ली बीजेपी प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा- ''हमने कहा था कि केजरीवाल सनसनी पैदा करने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं। केजरीवाल के झूठ के पीछे का सच अब उजागर होने वाला है। वह झूठ नहीं बोल सकते और फिर जांच से भाग नहीं सकते। उन्हें जांच का सामना करना होगा।” बता दें कि पिछले हफ्ते, आप प्रमुख केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने उसके सात विधायकों को पार्टी छोड़ने के लिए 25-25 करोड़ रुपये की पेशकश की है। साथ ही केजरीवाल सरकार को गिराने की धमकी भी दी है।
सचदेवा के नेतृत्व में दिल्ली भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने 30 जनवरी को दिल्ली पुलिस के कमिश्नर से मुलाकात की थी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आरोपों की जांच की मांग की थी। पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा से मुलाकात के बाद सचदेवा ने कहा था कि केजरीवाल से अपने आरोप साबित करने के लिए कहा गया है लेकिन आप की ओर से कोई भी सबूत के साथ आगे नहीं आया है।
सचदेवा ने कहा था कि इससे पता चलता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी (आप) के नेताओं द्वारा लगाए गए आरोप "पूरी तरह से निराधार" हैं।
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