गणतंत्र दिवस पर किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा और लाल क़िले पर हुए घटनाक्रमों की जाँच कर रही पुलिस ने पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू व तीन अन्य पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। दिल्ली पुलिस यह इनाम उसको देगी जो कोई भी दीप सिद्धू, उनके दो सहयोगी और गणतंत्र दिवस के दिन लाल क़िले पर झंडा फहराने वाले जुगराज सिंह के बारे में जानकारी देगा। आरोपियों की तलाश में पुलिस दिल्ली और पंजाब में कई बार छापे मार चुकी है।
26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान तब हिंसा हो गई थी जब किसानों की रैली तय समय से पहले ही निकल गई थी। पुलिस ने बल का प्रयोग कर उन्हें रोकने की कोशिश की। इसके बाद किसान तय रूट से भी आगे निकल गए। आईटीओ पर हिंसा में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई। लाल क़िले परिसर में कुछ लोग ट्रैक्टर लेकर घुस गए और वहाँ पर सिखों का निशान साहिब का पवित्र झंडा फहरा दिया गया। एक वीडियो में उस प्रदर्शन के दौरान लाल क़िले में दीप सिद्धू को देखा गया था। इसके बाद से दीप सिद्धू निशाने पर आए।
पुलिस दीप सिद्धू के अलावा जजबीर सिंह, बूटा सिंह, सुखदेव सिंह और इक़बाल सिंह नाम के प्रदर्शनकारियों की तलाश कर रही है और उन पर जानकारी देने के लिए 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया है। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च के दौरान हिंसा के संबंध में पुलिस ने अब तक 44 एफ़आईआर दर्ज की है और कुल 122 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।
हालाँकि इन एफ़आईआर में किसानों और किसान नेताओं का भी नाम है, लेकिन अब दीप सिद्धू निशाने पर हैं। किसान भी दीप सिद्धू के नेतृत्व पर भी उस हिंसा के लिए आरोप मढ़ते रहे हैं।
हिंसा के बाद किसानों ने कहा था कि 26 जनवरी से पहले वाली सोमवार रात को सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के मंच को कुछ 'फ्रिंज एलिमेंट' ने हथिया लिया था और उन्होंने 'हमारा रूट रिंग रोड' का नारा दिया था। जबकि संयुक्त किसान मोर्चा और पुलिस के बीच जो तीन रूट तय हुए थे उसमें रिंग रोड शामिल नहीं था। इसी का कुछ युवा विरोध कर रहे थे।
हिंसा से पहले तीन रूट पर किसानों के सहमत होने के विरोध का नेतृत्व करने वालों में पंजाबी फ़िल्मों के अभिनेता दीप सिद्धू और लखबीर सिंह सिधाना उर्फ लखा सिधाना शामिल थे।
रिपोर्ट के अनुसार तब सिद्धू ने कहा था, 'हमारा नेतृत्व दबाव में है। हमें उन पर अधिक दबाव नहीं डालना चाहिए। लेकिन हम उन्हें ऐसा निर्णय लेने के लिए कह सकते हैं जो सभी को स्वीकार्य हो। उन्हें मंच पर आना चाहिए। यदि वे नहीं आते हैं, तो हम एक निर्णय लेंगे। आप सभी को यह तय करना चाहिए कि उस मामले में फ़ैसला किसे लेना चाहिए।'
23 जनवरी को उन्होंने पंजाबी में एक वेब चैनल को दिए इंटरव्यू को साझा किया है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, उस साक्षात्कार में उन्होंने कहा, '26 जनवरी को क्या होगा हम इसकी योजना नहीं बना सकते। यह हमारी कल्पना से बाहर होगा। यह अप्रत्याशित होगा। यह ऊपर वाले पर निर्भर है, 26 जनवरी को क्या होता है। हम इंसान कुछ भी नहीं कह सकते।'
बता दें कि दीप सिद्धू ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार सनी देओल के लिए प्रचार किया था। सोशल मीडिया पर सिद्धू की प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ तसवीरें भी वायरल हुई थीं। इसके बाद लोगों ने दीप सिद्धू को लेकर बीजेपी पर निशाना साधना शुरू कर दिया था।
दीप सिद्धू का नाम आने पर कई किसान नेताओं के साथ ही बीकेयू हरियाणा के नेता गुरनाम सिंह चड़ूनी ने लाल क़िले मामले में युवाओं को गुमराह करने के लिए दीप सिद्धू की आलोचना की और उन्हें केंद्र सरकार का 'दलाल' बताया था।
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