एक हज़ार से ज़्यादा बुद्धिजीवियों, कलाकारों, लेखकों और कार्यकर्ताओं ने दिल्ली पुलिस को चिट्ठी लिख कर आरोप लगाया है कि उसने लोगों पर दबाव डाल कर मनमाना, बेबुनियाद व मगढंत कबूलनामा लिया है, जिससे दंगों में लोगों को फँसाने की कोशिश की गई है। इस तरह दिल्ली दंगों के लिए झूठे सबूत एकत्रित किए गए हैं।