दिल्ली में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 80 हज़ार के पार कर गई है। दिल्ली सरकार के ताज़ा आँकड़ों के अनुसार एक दिन में 2948 नए संक्रमण के मामले सामने आए। सोमवार के बाद यह पहली बार है कि कोरोना मरीज़ों की संख्या एक दिन में 3 हज़ार से कम आई है। हालाँकि इस वायरस के मरीज़ों की संख्या बढ़ते जाने के साथ ही दिल्ली में कोरोना मरीज़ों के लिए बेड कम पड़ने की चिंता भी बढ़ती जा रही है।
देश में सबसे ज़्यादा कोरोना प्रवाभित शहरों में दिल्ली मुंबई को पीछे छोड़ते हुए पहले स्थान पर पहुँच गया है। राज्य के हिसाब से देखें तो दिल्ली महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर है। महाराष्ट्र में डेढ़ लाख से ज़्यादा संक्रमण के मामले आ चुके हैं। तीसरे स्थान पर तमिलनाडु है जहाँ कोरोना संक्रमण के मामले 74 हज़ार से ज़्यादा आ चुके हैं।
वैसे, दिल्ली में संक्रमण के मामले ज़्यादा इसलिए भी सामने आए हैं कि यहाँ हाल के दिनों में टेस्टिंग बढ़ाई गई है। 24 घंटे में क़रीब 20 हज़ार टेस्टिंग की गई है। दिल्ली में अब तक क़रीब पौने पाँच लाख कोरोना की टेस्टिंग की गई है।
बता दें कि क़रीब एक पखवाड़े पहले दिल्ली में कोरोना संक्रमण, जाँच व्यवस्था, अस्पतालों की हालत पर 'भयावह और दयनीय' स्थिति कहकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की खिंचाई की थी। शीर्ष अदालत ने कहा था, ‘आपकी टेस्टिंग हर दिन 7 हज़ार से नीचे होते हुए 5 हज़ार तक क्यों चली गई जबकि मुंबई और चेन्नई ने अपनी टेस्टिंग को 16 हज़ार से 17 हज़ार तक बढ़ा दिया है।’ अदालत ने दिल्ली सरकार और दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल को नोटिस जारी किया और जवाब माँगा था। इसके बाद अब दिल्ली में भी टेस्टिंग बढ़ा दी गई है।
दिल्ली में कुल संक्रमण के मामलों में से क़रीब 49 हज़ार लोग पूरी तरह ठीक भी हो चुके हैं। इसका मतलब है कि रिकवरी रेट यानी स्वस्थ होने वाले मरीज़ों की दर क़रीब 61 फ़ीसदी हो गई है। फ़िलहाल क़रीब 28 हज़ार मरीज़ ही संक्रमित हैं।
इसी महीने एक सरकारी पैनल ने ही अनुमान लगाया है कि दिल्ली में इस महीने के आख़िर में 1 लाख तक कोरोना के मामले आ सकते हैं। इसके बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री ने भी कहा था कि जुलाई के आख़िर में क़रीब 5.5 लाख तक मामले आ सकते हैं। मनीष सिसोदिया ने कहा था, ‘15 जून तक कोरोना संक्रमण के 44 हज़ार मामले हो जाएँगे और क़रीब 6, 600 बेड की आवश्यकता होगी, 30 जून तक मामले 1 लाख तक पहुँच जाएँगे और 15 हज़ार बेड की आवश्यकता होगी, 15 जुलाई तक क़रीब सवा दो लाख तक मामले हो जाएँगे और 33 हज़ार बेड की ज़रूरत होगी और 31 जुलाई तक दिल्ली में क़रीब साढ़े पाँच लाख केस पहुँच जाएँगे और इसके लिए 80 हज़ार बेड की ज़रूरत होगी।’
वैसे, देश भर में कोरोना संक्रमण के मामले काफ़ी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। शनिवार को ही देश में कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड 18,552 मामले सामने आए और 384 लोगों की मौत हुई। भारत में 5 लाख से ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले आ चुके और 15 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। क़रीब तीन लाख मरीज़ ठीक हो चुके हैं और फ़िलहाल क़रीब दो लाख लोग संक्रमित हैं।
आईसीएमआर ने कहा है कि 26 जून तक देश में 79,96,707 सैंपल्स की जाँच हो चुकी है। शुक्रवार को 2,20,479 सैंपल्स की जाँच हुई।
दुनिया भर में कोरोना वायरस से 98 लाख से ज़्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और 4 लाख 94 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
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