कबूलनामा
इन नेताजी के क़रीबियों और परिजनों के मुताबिक़, पुलिस ने इन्हें ज़बरदस्ती फँसा दिया है। लेकिन पुलिस सूत्रों के मुताबिक़, उनके पास मारे गए इरफ़ान नामक युवक की माँ का मजिस्ट्रेट के सामने दिया गया बयान और ख़ुद नेताजी का इस बारे में दिया गया क़बूलनामा, दोनों हैं।क्या है मामला?
23 जून को इरफ़ान हत्याकांड के मामले में दाखिल दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक़, बृजमोहन शर्मा ने 25 साल के युवक इरफ़ान की हत्या करने वाली भीड़ का नेतृत्व किया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, 27 फरवरी को न्यू उस्मानपुर थाने में दर्ज एफ़आईआर नंबर 95 के मुताबिक़, इरफ़ान को बुरी तरह घायल हालत में जेपीसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहाँ 26 फरवरी को उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने इस सिलसिले में धारा 147, 148, 149, 308 और 302 के तहत मामला दर्ज किया था।
इरफ़ान की माँ ने हमलावरों में से बृजमोहन शर्मा उर्फ गब्बर और सन्नी उर्फ लाला की पहचान की थी।
राजनीतिक संपर्क
हालाँकि पुलिस ने चार्जशीट में ना तो अभियुक्त ताहिर हुसैन के संबंध में और ना ही बृजमोहन शर्मा के संबंध में किसी पार्टी का ज़िक्र किया है। लेकिन बताया जाता है कि बृजमोहन उर्फ गब्बर के पिता भी भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के नेता रहे हैं। यही नहीं, उनका परिवार स्थानीय पार्षद राजकुमार बल्लन का क़रीबी भी माना जाता है। लेकिन बृजमोहन का परिवार इस संबंध में स्थानीय पुलिस पर साजिश रचने का आरोप लगा रहा है।इरफ़ान दूध और दवाई लेने बाहर गया था और घर वापस आ रहा था कि उसे भीड़ ने दबोच लिया। इस भीड़ का नेतृत्व बृजमोहन उर्फ गब्बर और सन्नी कर रहे थे। भीड़ ने रॉड, बैट आदि से इरफ़ान की पिटाई की और फरार हो गए।
मुसलमानों का नेता बन रहा था इरफ़ान!
पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक़, बृजमोहन ने पूछताछ में इरफ़ान की हत्या की बात स्वीकार की है। उसने बताया है कि इरफ़ान मुसलमानों का नेता बन रहा था। उसके इशारे पर कई हिंदूओं के घर, दुकान आदि जला दिए गए। बृजमोहन उसे सबक सिखाना चाहता था। इसके लिए उसने रॉड आदि जमा किए थे।क्या दिल्ली के दंगे सिर्फ़ छुटभैये नेताओं के सियासी शतरंज की बिसात थे, जिसमें 50 से ज्यादा बेगुनाह लोग मारे गए?
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