पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व
आगे
पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व
आगे
हेमंत सोरेन
जेएमएम - बरहेट
आगे
दिल्ली की हवा कितनी जहरीली है, इसका अंदाज़ा भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की टिप्पणी से तो लगता ही है, अब दिल्ली के स्कूलों के बंद करने के निर्णय से भी लग सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली के स्कूल सोमवार से एक हफ़्ते के लिए ऑफलाइन कक्षाओं में शिफ्ट हो जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी निर्माण गतिविधियाँ बंद रहेंगी और सरकारी कार्यालय वर्क फ्रॉम होम काम करेंगे। हालाँकि पूरे शहर में लॉकडाउन लगाने जैसा फ़ैसला नहीं लिया गया है।
केजरीवाल ने शनिवार को यह घोषणा तब की है जब राजधानी एक सप्ताह से अधिक समय से शहर में फैले जहरीले धुंध से लड़ रही है। आज ही भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने इसको लेकर सख़्त टिप्पणी की है।
दिल्ली और आसपास के गुड़गांव, नोएडा और गाजियाबाद में पिछले सात दिनों से अधिक समय से हवा जहरीली हुई है। इसकी शुरुआत पिछले सप्ताह दिवाली से हुई थी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, शनिवार शाम 6.30 बजे दिल्ली में समग्र एक्यूआई 427 था।
केजरीवाल ने शहर में गंभीर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आपात बैठक बुलाई थी। बैठक के बाद ही वह इसमें लिए गए फ़ैसलों की जानकारी दे रहे थे।
हवा में धूल और सूक्ष्म प्रदूषक फैलाने वाले निर्माण कार्य केवल चार दिनों के लिए 14 से 17 नवंबर तक बंद रहेंगे।
केजरीवाल की चार-स्तरीय प्रदूषण नियंत्रण योजना में पूरे शहर में लॉकडाउन की योजना शामिल है। हालाँकि, उस तरह के लॉकडाउन का फ़ैसला नहीं लिया गया। केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा कि सरकारी कार्यालय एक सप्ताह के लिए वर्क फ्रॉम होम 100 प्रतिशत क्षमता पर काम करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर में एडवाइजरी जारी की जाएगी कि वहां भी ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी जाए।
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में बनी प्रदूषण की मोटी परत को लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने शनिवार को ही कड़ी टिप्पणी की है और सुझाव दिया है कि दिल्ली में दो दिन का लॉकडाउन लगा दिया जाए।
सीजेआई ने केंद्र सरकार से कहा कि वह दिल्ली में हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए इमरजेंसी प्लान लेकर आए। लेकिन केंद्र सरकार ने इसका सारा दोष पंजाब में जल रही पराली के मत्थे जड़ दिया।
केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार पराली को जलने से रोकने के लिए क़दम उठा रही है लेकिन पिछले पांच-छह दिनों में हमने जो प्रदूषण देखा है, वह पंजाब में पराली के जलने की वजह से हुआ है और वहां की राज्य सरकार को इस दिशा में क़दम उठाना चाहिए।
इस पर सीजेआई ने कहा, “आप इसे ऐसे क्यों बता रहे हैं कि प्रदूषण किसानों की वजह से हो रहा है। वहां से कुछ प्रदूषण होता है लेकिन बाक़ी का क्या? आप दिल्ली में प्रदूषण पर क़ाबू पाने के लिए क्या कर रहे हैं। हमारा राज्य या केंद्र सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। आप हमें 2-3 दिन में प्लान बताइए।” इसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उनके कहने का यह मतलब नहीं था कि ऐसा सिर्फ़ किसानों की वजह से हो रहा है।
About Us । Mission Statement । Board of Directors । Editorial Board | Satya Hindi Editorial Standards
Grievance Redressal । Terms of use । Privacy Policy
अपनी राय बतायें