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फाइल फोटो

अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत 

दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। साथ ही उन्हें 2 जून को हर हाल में सरेंडर करने को कहा है। 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है इस दौरान उनके द्वारा चुनाव प्रचार करने पर कोई रोक या पाबंदी नहीं रहेगी। दिल्ली शराब नीति घोटाले मामले में वह बीते करीब 40 दिनों से तिहाड़ जेल में बंद हैं। शुक्रवार शाम में वह जेल से बाहर आ सकते हैं। 
अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत को लेकर बीते 7 मई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने ईडी से तब कहा था कि चुनाव चल रहे हैं और केजरीवाल मौजूदा सीएम हैं, चुनाव 5 वर्ष में एक बार आते हैं। कोर्ट ने केजरीवाल को भी कहा था कि आप आधिकारिक ड्यूटी नहीं करेंगे। अगर लोकसभा चुनाव नहीं होता तो अंतरिम जमानत का सवाल ही नहीं उठता। 
बीते 7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर अहम टिप्पणियां की थी लेकिन कोई फैसला नहीं सुनाया था। तब कोर्ट ने कहा था कि इस पर 10 मई को फैसला सुनाया जायेगा। 
लॉ से जुड़ी खबरें देने वाली न्यूज वेबसाइट बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने आदेश पारित किया है। 
इससे पहले ईडी ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव का जोरदार विरोध किया था।
दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च को ईडी द्वारा अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था। अरविंद केजरीवाल फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं। 
यह रिपोर्ट कहती है कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के समक्ष वर्तमान अपील की गई थी। 
सात मई को उनकी इस अपील पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का संकेत दिया था ताकि वह आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार कर सकें। 
बार एंड बेंच की यह रिपोर्ट कहती है कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के समक्ष वर्तमान अपील की गई थी। 
सात मई को उनकी इस अपील पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का संकेत दिया था ताकि वह आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार कर सकें। 
अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ईडी की मनी-लॉन्ड्रिंग जांच 2022 में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की शिकायत पर सीबीआई द्वारा दर्ज एक मामले से शुरू हुई थी। 
इस शिकायत में यह आरोप लगाया गया था कि कुछ शराब विक्रेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए 2021-22 की दिल्ली आबकारी नीति में खामियां पैदा करने के लिए केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य सहित आप नेताओं द्वारा एक आपराधिक साजिश रची गई थी। 
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में पहले कहा था कि  केजरीवाल के साथ सिर्फ इसलिए किसी अन्य अपराधी से अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता क्योंकि वह एक राजनेता हैं।

वहीं केजरीवाल के वकील ने इसका प्रतिवाद करते हुए कहा था कि यद्यपि मुख्यमंत्री होने के नाते केजरीवाल को अभियोजन से छूट नहीं है, लेकिन उनके अधिकार किसी अन्य व्यक्ति के अधिकारों से कमतर नहीं हैं।

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अंतरिम जमानत के विरोध में ईडी की यह थी दलीलें

अरविंद केजरीवाल की ओर से अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका का ईडी ने विरोध किया था। अंतरिम जमानत के विरोध में ईडी ने दलील दी थी कि चुनाव प्रचार जमानत का आधार नहीं हो सकता है। चुनाव प्रचार करना मौलिक अधिकार या कोई कानूनी अधिकार नहीं हो सकता है। 
ईडी ने अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि अरविंद केजरीवाल को जमानत देने से गलत मिसाल कायम होगी। 
गिरफ्तारी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बहस अगले सप्ताह जारी रहेगी। कोर्ट ने कहा है कि वह 20 मई से शुरु होने वाली गर्मी की छुट्टियों से पहले ही इस याचिका पर फैसला सुनाने की कोशिश करेगी। 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत की शर्ते आम आदमी पार्टी क नेता संजय सिंह की जमानत पर लगाई गई शर्तों के समान होंगी। 
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क़मर वहीद नक़वी
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