loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
51
एनडीए
29
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
225
एमवीए
52
अन्य
11

चुनाव में दिग्गज

बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार

आगे

पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व

आगे

जमानत पर दिल्ली हाईकोर्ट की रोक के ख़िलाफ़ SC पहुँचे केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आबकारी नीति मामले में मिली जमानत पर रोक लगाने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दी थी, लेकिन उसका विस्तृत आदेश आने से पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट में मामला पहुँच गया और फिर बाद में निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी गई।

इसी के ख़िलाफ़ रविवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है। केजरीवाल के वकील मामले की तत्काल सुनवाई की मांग कर रहे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने 21 जून को केजरीवाल को जमानत देने वाले ट्रायल कोर्ट के 20 जून के आदेश को 'दो-तीन दिन' के लिए रोक दिया था। हाई कोर्ट ने कहा कि वह जमानत आदेश पर रोक लगाने की ईडी की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख रहा है। 

ताज़ा ख़बरें

हाईकोर्ट ट्रायल कोर्ट के गुरुवार के आदेश को चुनौती देने वाली ईडी की मुख्य याचिका पर केजरीवाल को नोटिस भी जारी किया और इसे 10 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया। न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन की एकल पीठ ने ईडी की प्रार्थना और केजरीवाल के वकील की जवाबी दलीलें सुनीं। पीठ ने कहा, 'तर्क सुने गए हैं। आदेश सुरक्षित रखा गया है। रोक आवेदन पर आदेश की घोषणा होने तक ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाती है।' 

हाईकोर्ट ने कहा कि वह पूरे रिकॉर्ड, विवादित फैसले को देखना चाहता है और दो-तीन दिनों में स्थगन आवेदन पर अपना फैसला सुनाएगा। 

बता दें कि निचली अदालत ने कहा था कि ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय अपराध की आय के संबंध में मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई सीधा साक्ष्य देने में विफल रहा है। अदालत ने ईडी पर पक्षपातपूर्ण तरीक़े से भी काम करने का आरोप लगाया। 
राउज एवेन्यू कोर्ट की जज न्याय बिंदु ने कहा था कि 'न्याय न केवल किया जाना चाहिए बल्कि होते हुए दिखना चाहिए'।

जज ने कहा, 'यदि कोई आरोपी अपनी बेगुनाही साबित होने तक सिस्टम के अत्याचारों को झेलता है, तो वह कभी यह कल्पना नहीं कर सकता कि उसके पक्ष में वास्तव में न्याय हुआ है।' यह देखते हुए कि प्रथम दृष्टया आधार पर केजरीवाल का अपराध अभी तक स्थापित नहीं हुआ है, अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।

जज न्याय बिंदु ने कहा कि चूंकि ईडी का मानना ​​है कि रिकॉर्ड पर मौजूद साक्ष्य केजरीवाल के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त नहीं हैं, इसलिए किसी भी तरह से साक्ष्य हासिल करने में समय लग रहा है।

दिल्ली से और ख़बरें

रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने गवाहों की विश्वसनीयता के संबंध में ईडी के तर्क पर भी कड़ी टिप्पणियां कीं। ईडी ने तर्क दिया था कि 'जांच एक कला है और कभी-कभी एक आरोपी को जमानत और क्षमा का लालच दिया जाता है और अपराध के पीछे की कहानी बताने के लिए कुछ आश्वासन दिया जाता है'।

अदालत ने कहा, 'अदालत को इस तर्क पर ठहरकर विचार करना होगा जो कि एक स्वीकार्य दलील नहीं है कि जांच एक कला है क्योंकि अगर ऐसा है तो किसी भी व्यक्ति को कलात्मक रूप से उसके खिलाफ सामग्री प्राप्त करके फंसाया जा सकता है और रिकॉर्ड से दोषमुक्त करने वाली सामग्री को कलात्मक रूप से हटाने के बाद उसे सलाखों के पीछे रखा जा सकता है। यही स्थिति अदालत को जांच एजेंसी के खिलाफ यह निष्कर्ष निकालने के लिए बाध्य करती है कि वह पक्षपात के बिना काम नहीं कर रही है।'

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें