पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ़्तारी के बाद दिल्ली पुलिस दिशा के दो सहयोगियों की तलाश में है। पुलिस ने सोमवार को इन दोनों के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी कर दिया है। इनका नाम निकिता जैकब और शांतनु हैं। दोनों के ख़िलाफ़ दर्ज केस में उन पर ग़ैर जमानती धाराएं लगाई गई हैं।
सूत्रों के मुताबिक़, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने 11 फ़रवरी को निकिता जैकब की खोज में उनके घर पहुंची थी। पुलिस के मुताबिक़, निकिता ने कहा था कि वह जांच में शामिल होंगी लेकिन वह अंडरग्राउंड हो गयीं। निकिता ने पुलिस की कार्रवाई से राहत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। हाई कोर्ट इस पर मंगलवार को सुनवाई करेगा।
पुलिस का दावा है कि ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) ने जिस टूलकिट को शेयर किया था, उसके पीछे पोएटिक जस्टिस फ़ाउंडेशन का हाथ है। इस संगठन ने निकिता जैकब से भी संपर्क किया था कि वह गणतंत्र दिवस के दिन हुई किसानों की रैली से पहले ट्वीट करे। पुलिस का कहना है कि पोएटिक जस्टिस फ़ाउंडेशन खालिस्तानी अलगाववादी संगठन है।
दिशा रवि को शनिवार को गिरफ़्तार किया गया था, इसके बाद उसे दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया और पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। दिशा पर आरोप है कि उसने इस टूलकिट को तैयार करने और इसे सोशल मीडिया पर आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।
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दिशा पर राजद्रोह, आपराधिक साज़िश रचने सहित कई गंभीर मुक़दमे दर्ज किए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि दिशा ने एक वॉट्सऐप ग्रुप भी बनाया था और इस टूलकिट को बनाने में सहयोग किया था।
दिशा रवि ने अदालत को बताया कि उसने इस टूलकिट को नहीं बनाया है और वह सिर्फ़ किसानों का समर्थन करना चाहती है। दिशा के मुताबिक़, 3 फ़रवरी को उसने इस टूलकिट की दो लाइनों को एडिट किया था।
3 फरवरी को ग्रेटा तनबर्ग ने किसानों के समर्थन में एक टूलकिट को शेयर किया था। लेकिन बाद में उन्होंने इसे डिलीट कर अपडेटेड टूलकिट को ट्वीट किया था।
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दिशा रवि की लीगल टीम के मुताबिक़, उसके वकील भी इस बात को नहीं जानते कि उसे किस अदालत में पेश किया गया और दिशा ने ख़ुद ही अपनी पैरवी की। उन्होंने इसे लेकर भी सवाल उठाए हैं कि क्या दिशा को दिल्ली से बेंगलुरू लाते समय नियमों का पालन किया गया। दिशा बेंगलुरू के माउंट कार्मेल कॉलेज की छात्रा हैं।
विपक्षी नेताओं ने की आलोचना
दिशा रवि ने फ्राइडे्स फ़ॉर फ्यूचर इंडिया रैली की शुरुआत की थी। सबसे पहले इसे पर्यावरणविद ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) ने शुरू किया था और भारत में इसे आगे बढ़ाने का काम दिशा रवि कर रही थीं।
दिशा की गिरफ़्तारी पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा- “बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे बोल कि सच ज़िंदा है अब तक! वो डरे हैं, देश नहीं!” कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा, “डरते हैं बंदूकों वाले एक निहत्थी लड़की से, फैले हैं हिम्मत के उजाले एक निहत्थी लड़की से।”
‘टूलकिटजीवियों’ पर कार्रवाई कब?
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा है कि अगर दिशा देश के लिए ख़तरा हैं तो यह कहा जाना चाहिए कि भारत बेहद कमजोर बुनियाद पर खड़ा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “सवाल ये है कि वो कब गिरफ़्तार होंगे जो भारत की राष्ट्रीय एवं सामाजिक एकता को खंडित करने के लिए सुबह-शाम जनता के बीच घृणा व विभाजन को जन्म देने के लिए शाब्दिक ‘टूलकिट’ जारी करते रहते हैं।”
अखिलेश ने पूछा, “बीजेपी सरकार बताए कि शिकायत करने पर भी वो इन ‘टूलकिटजीवियों’ पर कार्रवाई क्यों नहीं करती?”
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