लोकसभा चुनाव से पहले सिनेमा हॉल में 'मोदी-मोदी' की गूँज सुनाई देगी। प्रधानमंत्री मोदी के किरदार से जुड़ी कम से कम चार फ़िल्में रिलीज़ होंगी। इन फ़िल्मों में मोदी को अलग-अलग रूपों में पेश किया गया है। किसी फ़िल्म में प्रधानमंत्री के तौर पर लीड हीरो के तौर पर तो दूसरी में गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर दिखाया गया है। किसी फ़िल्म में रणनीतिकार और चिंतक तो किसी में कड़े फ़ैसले लेने वाले के रूप में। यानी प्रधानमंत्री मोदी अलग-अलग रूप में बड़े पर्दे पर दिखेंगे।
लोकसभा चुनाव से पहले बड़े पर्दे पर नमो-नमो...
- सिनेमा
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- सत्य ब्यूरो
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- 11 Jan, 2019
लोकसभा चुनाव से पहले सिनेमा हॉल में 'मोदी-मोदी' की गूँज सुनाई देगी। उनके किरदार से जुड़ी कम से कम चार फ़िल्में रिलीज़ होंगी। इन फ़िल्मों में मोदी को अलग-अलग रूप में पेश किया गया है।

अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल में मोदी ने कई कड़े फ़ैसले लिए हैं। इसमें नोटबंदी, जीएसटी से लेकर जनरल कैटेगरी के लिए 10 फ़ीसदी आरक्षण, सर्जिकल स्ट्राइक तक शामिल हैं। प्रधानमंत्री बनने से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान भी मोदी का कार्यकाल भी काफ़ी चर्चा में रहा था। फ़िलहाल मोदी जो फ़िल्में बनी हैं उनमें इन्हीं पक्षों को रखा गया है।
मोदी लुक पर ज़ोर
अभी हाल ही में विवेक ओबरॉय ने जानकारी दी कि वह फ़िल्म 'पीएम मोदी' में प्रधानमंत्री का किरदार निभा रहे हैं। सुरेश ओबरॉय के साथ फ़िल्म का निर्माण कर रहे संदीप सिंह कहते हैं कि विवेक को मोदी जैसा लुक देने में काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी। मीडिया से उन्होंने कहा कि विवेक को इस लुक के लिए 15 बार टेस्ट देना पड़ा और प्रत्येक टेस्ट में क़रीब सात घंटे लगे। यह पूरी प्रक्रिया क़रीब छह-सात महीना चली। बताया जा रहा है कि यह फ़िल्म मोदी के बड़े फ़ैसलों पर केंद्रित है। इसमें मोदी को गुजरात में सीएम रहने के दौरान मज़बूत नेता उभरने से लेकर एक अच्छे वक्ता के तौर पेश किया गया है।

उरी फ़िल्म के लिए रजीत कपूर।