भले ही यह फ़िल्मी कहानी लगे लेकिन है यह पूरी तरह हक़ीक़त। क्या भाई-बहन का ऐसा रिश्ता कहीं देखा है जहाँ दोनों में ख़ूब प्यार है और आमने-सामने आ जाएँ तो एक-दूसरे की जान भी ले लें? दरअसल, मामला है नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के सुकमा का। भाई पुलिसकर्मी है और बहन माओवादी। पहले दोनों माओवादी थे। आत्मसमर्पण कर भाई पुलिस में आ गया, लेकिन बहन आत्मसमर्पण को तैयार नहीं हुई। अब भाई-बहन आमने-सामने हैं। मुठभेड़ में भाई-बहन एक-दूसरे पर गोलियाँ बरसाते हैं। पुलिसकर्मी भाई अब भी इस कोशिश में लगा है कि मुठभेड़ जैसी स्थिति आने से पहले उनकी बहन आत्मसमर्पण करने के उनके आग्रह को मान ले और सामान्य ज़िंदगी में वापस लौट आए।
सुकमा में माओवादी बहन की जान के पीछे पुलिस वाला भाई
- छत्तीसगढ़
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- 8 Aug, 2019
क्या भाई-बहन का ऐसा रिश्ता कहीं देखा है जहाँ दोनों में ख़ूब प्यार है और आमने-सामने आ जाएँ तो एक-दूसरे की जान भी ले लें? भले ही यह फ़िल्मी कहानी लगे लेकिन है यह पूरी तरह हक़ीक़त।

वेट्टी रामा (43) पुलिस में हैं और उनकी बहन वेट्टी कन्नी (50) माओवादी हैं। इनका सामना 29 जुलाई को देश भर में नक्सल से सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक सुकमा के बालेंगटोंग के जंगलों में हुआ था। तब 140 से ज़्यादा सुरक्षाकर्मियों ने माओवादियों को घेर लिया था। इस टीम का नेतृत्व वेट्टी रामा कर रहे थे। वह सुकमा पुलिस में गोपनीय सैनिक हैं और इस अभियान के सेक्शन कमांडर थे। उनका निशाना कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (माओवादी) के कोंटा एरिया कमेटी के प्रमुख सदस्यों में से एक वेट्टी कन्नी और उसके 30 सदस्यों की टीम थी। रामा और कन्नी ने एक-दूसरे को देखा। तभी कन्नी के गार्ड ने गोली चला दी जिस पर पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की। दो माओवादी मारे गए, लेकिन कन्नी बच निकली।