भले ही यह फ़िल्मी कहानी लगे लेकिन है यह पूरी तरह हक़ीक़त। क्या भाई-बहन का ऐसा रिश्ता कहीं देखा है जहाँ दोनों में ख़ूब प्यार है और आमने-सामने आ जाएँ तो एक-दूसरे की जान भी ले लें? दरअसल, मामला है नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के सुकमा का। भाई पुलिसकर्मी है और बहन माओवादी। पहले दोनों माओवादी थे। आत्मसमर्पण कर भाई पुलिस में आ गया, लेकिन बहन आत्मसमर्पण को तैयार नहीं हुई। अब भाई-बहन आमने-सामने हैं। मुठभेड़ में भाई-बहन  एक-दूसरे पर गोलियाँ बरसाते हैं। पुलिसकर्मी भाई अब भी इस कोशिश में लगा है कि मुठभेड़ जैसी स्थिति आने से पहले उनकी बहन आत्मसमर्पण करने के उनके आग्रह को मान ले और सामान्य ज़िंदगी में वापस लौट आए।