पश्चिम बंगाल की सियासत में एक बार फिर टीएमसी की आंधी चली है। राज्य की 108 में से 102 नगर पालिकाओं में टीएमसी ने जीत हासिल की है। 2021 के विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने वाली टीएमसी ने दिखाया है कि राज्य में उसका कोई मुकाबला नहीं है। चुनाव नतीजों से जाहिर है कि नगर निकाय के चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस और वामदलों का सूपड़ा साफ हो चुका है।
वामदलों को नदिया जिले की एक नगर पालिका में कामयाबी हासिल हुई है जबकि बीजेपी का खाता तक नहीं खुल सका है। बीजेपी के जैसा हाल कांग्रेस का भी है।
चार नगर पालिकाओं- मुर्शिदाबाद जिले की बेलडांगा, हुगली जिले की चंपदानी, पुरुलिया जिले की झालदा और पूर्वी मिदनापुर जिले की एगरा में त्रिशंकु नतीजे आए हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी ने चुनाव नतीजों पर राज्य के लोगों को बधाई दी है और उनका शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा है कि हम सभी लोग मिलकर राज्य की शांति, समृद्धि और विकास के लिए काम करें।
नगर निगम भी जीते थे
नगर पालिकाओं के लिए 27 फरवरी को मतदान हुआ था और राज्य के 95 लाख लोगों ने 8000 से ज्यादा उम्मीदवारों के लिए मतदान किया था। यहां याद दिलाना होगा कि बीते महीने 4 नगर निगमों के लिए हुए चुनाव में भी टीएमसी को बड़ी जीत मिली थी। जबकि बीते साल कोलकाता नगर निगम के चुनाव में भी टीएमसी ने विपक्षी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया था।
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और वाम दलों को करारी शिकस्त देने वाली ममता बनर्जी की टीएमसी नगर निगम चुनाव में भी बढ़त बनाए रखेगी, ऐसा पहले से ही माना जा रहा था।
दीदी ने दिखाया दम
राष्ट्रीय राजनीति में पैर पसारने की कोशिश कर रहीं ममता बनर्जी 2024 के लोकसभा चुनाव में बंगाल की सभी 42 सीटों को जीतने की दिशा में काम कर रही हैं। वह टीएमसी के विस्तार में जुटी हैं।
ममता की कोशिश ज़्यादा से ज़्यादा लोकसभा सीटें जीतकर कांग्रेस की जगह पर मुख्य विपक्षी दल बनने की है। नगर निकाय चुनाव के नतीजे इस बात को बताते हैं कि बंगाल में दीदी की धमक बरकरार है।
अपनी राय बतायें